Delhi News: JNU एक बार फिर चर्चा में आया क्योंकि शिक्षक 24 घंटे भूख हड़ताल पर बैठे; क्या कारण है?

Delhi News: विरोध करने वाले शिक्षकों ने आरोप लगाया कि यूजीसी की “करियर एडवांसमेंट स्कीम” (सीएएस) में प्रमोशन देरी से दिया गया और 2016 से कई मामलों में इसमें देरी की गई।

Delhi News: राजधानी दिल्ली स्थित जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू), अक्सर किसी न किसी नई बहस का विषय बनकर चर्चा में रहता है, आज फिर चर्चा में है। जेएनयू शिक्षक संघ (जेएनयूटीए) के सदस्यों ने इस बार 24 घंटे की भूख हड़ताल पर बैठकर अपने प्रमोशन में कथित देरी का विरोध किया।

जेएनयूटीए के विभिन्न विभागों से आठ से अधिक प्रोफेसर भाषा स्कूल के मैदान में धरने पर बैठे हैं। साथ ही, धरनास्थल पर पोस्टर लगाए गए हैं, जिन पर लिखा है कि “प्रमोशन कड़ी मेहनत से मिलता है”और ‘पप्रमोशन का इंतजार’ जैसे नारे लिखे हैं।

विरोध करने वाले शिक्षकों ने आरोप लगाया कि यूजीसी की “करियर एडवांसमेंट स्कीम” (सीएएस) में प्रमोशन देरी से दिया गया और 2016 से कई बार देरी हुई। जेएनयू की कुलपति शांतिश्री डी पंडित ने अभी तक टीचर्स की भूख हड़ताल और प्रमोशन में देरी के आरोपों पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।

जेएनयूटीए अध्यक्ष मौसमी बसु ने कहा कि वर्तमान में 130 से अधिक फेकल्टी मेंबर्स ने सीएएस आवेदन नहीं किया है। प्रदर्शनकारियों ने मांग की कि प्रशासन स्थायी प्रमोशनों को मंजूरी दे और उन वर्षों के लिए मुआवजा दे, जब उन्होंने प्रमोशन के बिना काम किया।

पिछले सप्ताह छात्रों ने किया था कक्षाओं का बहिष्कार

बता दें कि सैकड़ों विद्यार्थियों ने पिछले सप्ताह जेएनयू में अपनी मांगों को लेकर छात्र संघ की हड़ताल के आह्वान पर बुधवार 7 अगस्त को कक्षाओं का बहिष्कार किया था। विद्यार्थी प्रदर्शनकारियों ने विश्वविद्यालय परिसर में नारेबाजी करते हुए रैली निकाली और विद्यार्थियों से समर्थन लेने के लिए कक्षाओं में गए। जेएनयू छात्र संघ (जेएनयूएसयू) ने अप्रैल में कुलपति शांतिश्री डी पंडित को सौंपे गए अपने मांगपत्र पर विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा कोई कार्रवाई नहीं करने के खिलाफ हड़ताल की।

जेएनयूएसयू ने एक बयान में कहा कि उनकी मांगों में मेरिट-कम-मीन्स (एमसीएम) छात्रवृत्ति की राशि को कम से कम 5,000 रुपये तक बढ़ाना, इसका दायरा बीटेक छात्रों तक बढ़ाना, बराक स्कूल की मरम्मत को शीघ्र पूरा करना और उसे फिर से विद्यार्थियों के लिए खोलना शामिल है। इस साल फरवरी में खुले बाराक स्कूल से ही बंद पड़ा है। इस हॉस्टल की आधारशिला 2017 में रखी गई थी।

 

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