Delhi University: दिल्ली के प्रसिद्ध हिंदू कॉलेज से 15 विद्यार्थियों को निकाला गया क्यों?

Delhi University: दिल्ली के प्रसिद्ध हिंदू कॉलेज से 15 विद्यार्थियों को निकाला गया क्यों?

Delhi University हिंदू विश्वविद्यालय: Delhi University के हिंदू कॉलेज से 15 विद्यार्थियों को बाहर निकाला गया है। इन विद्यार्थियों पर डूसू चुनाव में अनुशासनहीनता का आरोप लगा है। कॉलेज से कुछ विद्यार्थियों को एक महीने तो कुछ को चार महीने के लिए निकाला गया है।

hindu university Delhi University, New Delhi: Delhi University के हिंदू कॉलेज से 15 विद्यार्थियों को निकाला गया है। सितंबर में कॉलेज यूनियन चुनाव के दौरान इन विद्यार्थियों पर गंभीर अनुशासनहीनता का आरोप लगाया गया है। कॉलेज की प्रिंसिपल प्रो. अंजू श्रीवास्तव ने बताया कि अनुशासनहीनता का स्तर देखते हुए कुछ विद्यार्थियों को एक महीना, दूसरे को तीन और चार महीने का कारावास लगाया गया है। तीन अन्य विद्यार्थियों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। मंगलवार को विद्यार्थियों का एक प्रतिनिधिमंडल कॉलेज अधिकारियों से इस कार्रवाई के खिलाफ चर्चा करेगा।

उनका कहना है कि वे प्रदर्शन करेंगे अगर सजा वापस नहीं ली गई। उनका कहना है कि जबकि सेमेस्टर के एग्जाम नवंबर से दिसंबर में होने वाले हैं, वे कॉलेज में नहीं आ सकते हैं।

Delhi University: दिल्ली के प्रसिद्ध हिंदू कॉलेज से 15 विद्यार्थियों को निकाला गया क्यों?

छात्र संघ चुनाव के दौरान बनाओ धरना कॉलेज में 15 से 18 सितंबर के बीच विद्यार्थी संघ चुनाव हुए। कॉलेज के सेंट्रल काउंसिल के सदस्यों और “प्राइम मिनिस्टर” (स्टूडेंट्स यूनियन का अध्यक्ष) के लिए 30 नामांकन रद्द किए गए। कम अटेंडेंस को इसकी वजह बताया गया था। लिंगदोह कमिटी की गाइडलाइंस के तहत चुनाव में भाग लेने के लिए अटेंडेंस 75 प्रतिशत होना चाहिए। इसके बाद विद्यार्थियों ने धरना दिया।

 

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विद्यार्थियों ने बताया क्यों दिया था धरना से तीन महीने के लिए बाहर निकाले गए एक विद्यार्थी का कहना है कि भूख हड़ताल करनी पड़ी क्योंकि उनके प्रैक्टिकल्स की अटेंडेंस नहीं जोड़ी गई थी। हरीश चौधरी, फिलॉसफी ऑनर्स के थर्ड ईयर विद्यार्थी, कहते हैं कि लिंगदोह कमिटी ने कहीं भी कहा नहीं है कि सिर्फ थ्योरी की अटेंडेंस जोड़ी जाए। इस साल कॉलेज ने अलग नियम बनाए, हालांकि हमारे प्रैक्टिकल की अटेंडेंस लगभग 60% है।

साथ ही, हमने तोड़फोड़ नहीं की; इसके बजाय, प्रशासन ने पुलिस को बुलाया और हमें बाहर निकालने के लिए लाठियां चलाईं। मैं खुद बेसुध हो गया, जिस पर एक विद्यार्थी की पसली टूट गई। हमारे पास वीडियो है। हमने कॉलेज प्रशासन के खिलाफ भी शिकायत पुलिस में दी थी।

यूजीसी ने एलयू के तीन विद्यार्थियों को एनईपी सारथी बनाया, दो ने साउथ कोरिया विश्वविद्यालय में रिसर्च पेपर सब्मिट किया।

हिंदू कॉलेज की डिसिप्लिनरी कमिटी का कहना है कि जांच में पाया गया है कि विद्यार्थियों ने कॉलेज प्रॉपर्टी को नुकसान पहुंचाया है। कॉलेज की संपत्ति को नुकसान हुआ और अकैडमिक कार्यों में बाधा आई। विडियो और तस्वीरें भी कमिटी में सबूत के रूप में प्रस्तुत की गईं। कमिटी ने विद्यार्थियों को यकीन दिलाने को भी कहा है कि वे ऐसी गतिविधियों में आगे कभी शामिल नहीं होंगे।

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