सौभाग्य को बढ़ाने के लिए वास्तुशास्त्र और कल्याणकारी ज्योतिष उपाय का उपयोग किया जा सकता है। आइए जानें कुछ बहुत उपयोगी छोटे-छोटे ज्योतिषीय और वास्तुशास्त्रीय सूत्र..।
आप कोई भी शुभ कार्य करने जा रहे हों तो सबसे पहले श्री गणेश जी का ध्यान अवश्य करें ताकि वह कार्य बिना किसी विघ्न बाधा के सम्पन्न हो सके।
ओम, ब्रह्मा, विष्णु और महेश का प्रतीक है। कोई भी मंत्र इसके बिना पूरा नहीं होता। मुख्य द्वार के ऊपरी चौखट पर इसे स्थापित करें। ओम् का चिन्ह लगाने या लिखने से घर में बुरी आत्माएं नहीं आती और बाधाएं नहीं आती।
किसी बाहरी व्यक्ति को अपनी पूजा की सामग्री, जप माला, बैठने का आसन आदि नहीं देना चाहिए। ऐसा करने से पूजा से प्राप्त पुण्य खत्म हो जाता है।
अपने भोजन का थोड़ा हिस्सा गाय, पक्षी और अन्य जीवों के लिए निकालकर रखने से धन मिलता है और दुर्घटना से बचाव मिलता है।
स्तनपान करते समय माता-पिता को अपने आंचल में छुपाकर स्तनपान करना चाहिए, ताकि नवजात शिशु को नज़र से बचाया जा सके। जब आप छोटे बच्चे को बोतल से दूध पिलाते हैं, तो उसे ढककर पिलाना भी चाहिए। ऐसा करने से बच्चा रोगों से बचेगा और स्वस्थ रहेगा।
पति-पत्नी के अलग-अलग चित्रों को शयनकक्ष में रखने से आपस में झगड़ा होता है, इसलिए हमेशा एक साथ चित्रों को रखें।
गृह में प्रवेश करने से पहले घर में गाय, पानी से भरा कलश, तुलसी का पौधा और अपने इष्ट देवता की मूर्ति-तस्वीर रखना बहुत शुभ है। इससे घर में शांति, सुख और संपन्नता आती है।
घर में सुख शांति लाने के लिए मंदिर में अशोक वृक्ष के सात पत्ते रखकर पूजा करें। जब वे मुरझाने लगें, नए पत्ते रखें और पुराने पत्तों को पीपल के नीचे रखें।
घर या कार्यालय के मुख्य द्वार के सामने सीढ़ियां होना बुरा है. इसलिए, पांच छड़ वाली विंड चाईम्स को मुख्यद्वार के बाहर लटकाकर सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाकर इस दोष को कम किया जा सकता है।
घर में उगते हुए सूरज, बहते हुए झरने और दौड़ते हुए घोड़ों की तस्वीर लगाने से अच्छी बातें मिलती हैं।
प्रातःकाल नहा-धोकर, शुद्ध होकर तुलसी के पौधे की परिक्रमा करने से शरीर के रोग दूर होते हैं, और सुबह-शाम तुलसी के पौधे के सामने घी का दीपक जलाकर सुख-समृद्धि व नेत्र-ज्योति बढ़ती है।
घर में एक गुड़हल का पेड़ अवश्य लगाना चाहिए। इसे लगाने से धार्मिक कार्यों में सिद्धि और सम्मान मिलता है। प्रवेश द्वार के दोनों तरफ अशोक, तुलसी या बिल्वपत्र के पौधे लगाने से वास्तुदोष दूर होता है।
दाम्पत्य जीवन को खुशहाल बनाने के लिए शयनकक्ष में मोरपंख रखें। मोर पंख को पलंग पर लेटते समय इस प्रकार रखें कि पंख दिखाई देते रहें।
पुष्य नक्षत्र में शंखपुष्पी की जड़ को चांदी की डिब्बी में डालकर तिजोरी में रखें, ताकि धन कभी नहीं खो जाए। पूजा-पाठ और जप-तप का पूरा लाभ उठाने के लिए सदा शाकाहारी भोजन करें और मांस-मच्छी से दूर रहें।
यदि घर में पूजा का स्थान हमेशा ईशान कोण (उत्तर-पूर्व दिशा) में हो तो एक तुलसी का पौधा गमले में लगाकर हर दिन जल चढ़ाएं।