Good Friday : ईस्टर और गुड फ्राइडे के लिए तैयारियां चल रही हैं। चर्च में मिस्सा की पूजा होती है। 29 मार्च को शुभ फ्राइडे और 30 मार्च को ईस्टर पर्व होंगे। 28 से 30 मार्च तक दीघा घाट में प्रेरितों की रानी ईश-मंदिर कुर्जी चर्च में धार्मिक सभाएं होंगी। कुर्जी चर्च के पल्ली पुरोहित फादर सेल्विन जेवियर ये.स. ने बताया कि चंगाई प्रार्थना सभा 24 मार्च रविवार को मिस्सा प्रार्थना के तहत सुबह साढ़े नौ बजे से दोपहर ढाई बजे तक होगी। 28 मार्च गुरुवार को शाम 5 बजे मिस्सा प्रार्थना के तहत शिष्यों की पैर धुलाई और मिस्सा पूजा होगी. पवित्र युखरिस्त का जुलूस और आराधना भी शाम सात बजे से 11 बजे तक होगा।
Good Friday : ईसाई लोग गुड फ्राइडे को शोक दिवस मानते हैं। यह दिन था जब प्रभु यीशू को सूली पर लटकाया गया था। ईसा मसीह ने हंसते-हंसते मरकर साहस का परिचय दिया और समाज के कल् याण के लिए अपना जीवन भी कुर्बान करने का संदेश दिया। यही कारण है कि ईसा मसीह की हत्या को Good Friday कहा जाता है।यहूदी शासकों ने ईसा मसीह को कठोर शारीरिक और मानसिक यातनाएं देने के बाद उसे सूली पर चढ़ाया था, जिसका दिन माना जाता है शुक्रवार था। ईस्टर संडे, इस घटना के तीन दिन बाद यीशू फिर से जीवित हो गया था। ईसाई लोग कुर्बानी दिवस के रूप में गुड फ्राइडे को मनाते हैं। गुड फ्राइडे के दिन चर्च में घंटिया नहीं बजते और मोमबत्ती नहीं जलती। इस दिन ईसाई धर्म के लोग चर्च में शोक सभाएं करते हैं और काले कपड़े पहनते हैं। यह ब्लैक फ्राइडे भी कहलाता है।
इतिहास
Good Friday लगभग 2005 से है। तब यीशू यरुशलम में रहकर शांति, भाईचारे और एकता की शिक्षाएं देते रहे। लोगों ने परमेश्वर का दूत और उसके पुत्रों को मानना शुरू कर दिया था। उनकी बातों ने आम लोगों को बहुत प्रभावित किया। यहूदी शासकों को यह नागवार गुजरी। यीशू पर राजद्रोह का आरोप लगाकर सूली पर लटका दिया गया। सूली पर चढ़ाने से पहले उन पर बेइंतहा अत्याचार किया गया था। उन्हें कांटों का ताज पहनाया और सूली को कंधे पर रखने को मजबूर किया। उन्हें सूली से लटका दिया गया, हाथों में कील ठोकते हुए।क्रूस यात्रा निकली जाएगी: क्रिश्चियन लोग 29 मार्च को गुड फ्राइड मनाएंगे। क्रूस यात्रा की झांकी इस दिन सुबह साढ़े छह बजे लोयला से कुर्जी पल्ली चर्च तक निकाली जाएगी। दोपहर दो बजे एक मुसीबत गायन कार्यक्रम चर्च में होगा। दोपहर तीन बजे पुण्य शुक्रवार की उपासना और शाम चार बजे धर्मविधि होगी। समुदाय शनिवार 30 मार्च को ईस्टर पर्व मनाएगा। इस दिन रात साढ़े 10 बजे पास्का जागरण समारोह होगा।
ईसाई समाज प्रभु यीशु का बलिदान करने का स्मरण करता है
Gud Friday के दिन, भगवान यीशु को सूली पर चढ़ाया गया था। इसलिए इस दिन को शोक के रूप में मनाया जाता है। समाज का बहुमत व्रत रखता है। साथ ही घरों और चर्चों में प्रभु यीशु का स्मरण करते हुए प्रार्थना सभाएं हो रही हैं। कहीं भी मनोरंजन कार्यक्रम नहीं चल रहे हैं। बहुत से लोग व्रत रखकर बाइबिल पढ़ रहे हैं। 29 मार्च को Good Friday पर उपवास समाप्त होगा।
गुड फ्राइडे कैसे मनाया जाता है?
ईसाई धर्मावलम्बियों ने गुड फ्राइडे को व्रत रखते हैं। वह प्रभु यीशु के बलिदान को भी स्मरण करते हैं। काले रंग के कपड़े पहनकर लोग इस दिन प्रभु यीशु के बलिदान दिवस पर शोक मनाते हैं। कहा जाता है कि गुड फ्राइडे के दिन गिरजाघरों में लकड़ी के खटखटे बजाए जाते हैं, घंटा नहीं। साथ ही, लोग चर्च में क्रॉस को चूमकर प्रभु यीशु का स्मरण करते हैं।
दान के कार्य
यह कहा जाता है कि शुभ फ्राइडे पर दान करते हैं। इस समय भोजन के बाद मीठी रोटी भी खाई जाती है। गुड फ्राइडे के बाद ईस्टर संडे भी मनाया जाता है।