2011 में फ्लैट बुक करने के बाद दंपती ने बिल्डर को 1 करोड़ 11 लाख रुपये दिए. लेकिन 13 साल बीत जाने के बाद भी बिल्डर ने निर्माण पूरा नहीं किया है। एग्रीमेंट के अनुसार, बिल्डर को निर्माण को समय पर पूरा नहीं करने पर अलॉटी को सालान ब्याज देना था, लेकिन वह भी नहीं मिल रहा है। पीड़ित ने बिल्डर प्रबंधन और डायरेक्टरों के खिलाफ कोर्ट में याचिका दी।
अब डीएलएफ फेज-3 थाने में बिल्डर प्रबंधन और डायरेक्टरों पर साजिश के तहत ठगी की एफआईआर दर्ज की गई है, जो कोर्ट के आदेश पर दर्ज की गई है। फरीदाबाद के सेक्टर-9 निवासी अजय कुमार गर्ग ने कोर्ट में ये याचिका दी है। साजिश में रहेजा डिवेलपर्स लिमिटेड के निदेशकों नवीन एम रहेजा, संगीता कुमार और नितेश कुमार झा पर ठगी का आरोप लगाया गया है।
याचिकाकर्ता अजय कुमार का दावा है कि 2011 में सेक्टर-77 में रहेजा रेवांता के परियोजना में 2 BHK फ्लैट बुक किया गया था। नवंबर 2011 में तीन लाख रुपये और छह लाख ३९१६ रुपये के दो चेक बुकिंग दिए गए। बाद में चेक समय-समय पर बिल्डर को दिए गए। 30 जनवरी 2012 तक चेक से 23 लाख 47 हजार 791 रुपये भुगतान किए गए थे। दंपती को मई 2012 में अलॉटमेंट लेटर बिल्डर ने दिया। दंपती ने बिल्डर को लगभग 11 लाख रुपये दे दिए हैं। लेकिन बिल्डर ने अनजाने में अतिरिक्त लागत लगाई है। बिल्डिंग अब तक पूरी तरह से बनकर तैयार नहीं हुई है।
कोर्ट में दावा किया गया है कि दंपती ने देरी से पैसे जमा करने पर बिल्डर से 18 प्रतिशत प्रति वर्ष ब्याज वसूला है. एग्रीमेंट के अनुसार, दंपती को पैसे लगभग पूरे होने के बावजूद पॉजेशन न देने के कारण पैसे पर ब्याज नहीं मिल रहा है। पुलिस द्वारा कोई कार्रवाई नहीं करने पर याचिका की गई। जेएमआईसी हर्ष कुमार सिंह की कोर्ट ने अब डीएलएफ फेज-3 थाना में ठगी की धारा में बिल्डर कंपनी और डायरेक्टरों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है।