Imran Masood ने चंद्रशेखर के बयान का जवाब दिया। चंद्रशेखर को जवाब देते हुए कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने कहा कि अल्लाह को सड़क पर नमाज स्वीकार नहीं है।
Imran Masood: कांग्रेस के सांसद इमरान मसूद ने भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद के सड़क पर नमाज के बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त की है। मसूद ने कहा कि पाबंदी के बाद सड़क पर नमाज पढ़ना गैरकानूनी था। उन्होंने कहा कि सरकार सड़क का मालिकाना हक रखती है और जबरन किसी भी चीज पर अधिकार देने से वह स्वीकार नहीं होती। चंद्रशेखर ने पिछले दिन कहा था कि कांवड़ यात्रा को लेकर दस दिन तक रास्ते बंद हो सकते हैं। लेकिन दिक्कत 20 मिनट की नमाज से होती है। ऐसा भेदभाव क्यों हो रहा है।
शनिवार को संसद सत्र से वापस आने पर इमरान मसूद पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। मसूद ने कहा कि हाथरस का हादसा बहुत दुर्भाग्यपूर्ण था। अपने जीवन में मैंने पहली बार ऐसी शवों की लाइन देखी है। यह दुर्घटना खराब प्रबंधन से हुई है, और सरकार को इसके लिए जिम्मेदार ठहराना चाहिए। उनका कहना था कि सहारनपुर की जनता ने उन पर विश्वास जताया है और सौहार्द्रपूर्ण विकास होगा। उनका कहना था कि हाथरस में मरने वाले लोग बहुत गरीब थे और सरकार हर परिवार को उचित मुआवजा देना चाहिए। उनका दावा था कि सहारनपुर के सांसद को गूंगा नहीं होना चाहिए था। सहारनपुर की आवाज को संसद में दृढ़ता से उठाया जाएगा।
इमरान मसूद ने कहा कि सहारनपुर का विकास उनकी पहली प्राथमिकता है। वह विकास को सौहार्द से बताते हैं। सत्ता पक्ष भी एकजुट होना चाहिए। कोई भी काम में बाधा न डाले। Saharanpur में बदलाव का कीर्तिमान स्थापित करें। चाहे इसका क्रेडिट किसी को भी मिले, लेकिन विकास होना चाहिए। सहारनपुर के होजरी और काष्ठ कला उद्योगों को सरकार से चर्चा की जाएगी। दिल्ली-यमुनोत्री हाईवे भी जल्दी पूरा होगा। हॉस्पिटल की सुविधाओं को बढ़ाने के लिए उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री से समय मांगा है। उन्होंने कहा कि मैंने कभी मुख्यमंत्री योगी की तारीफ नहीं की। गर्मी में बिजली व्यवस्था को लेकर सरकार की तारीफ की थी, केवल आलोचना करना विपक्ष का काम नहीं है।