क्या मुख्यमंत्री नीतीश कुमार चुनाव से पहले बड़े खेल की तैयारी में हैं? मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री मोदी को 32 पन्नों का लेटर लिखा है।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पीएम मोदी को 32 पन्नों का एक पत्र लिखकर राजनीतिक गतिविधियों को बढ़ा दिया है।

बिहार एनडीए में इन दिनों संघर्ष देखने को मिल रहा है। अब रालोसपा अध्यक्ष पशुपति पारस एनडीए छोड़कर महागठबंधन में शामिल होने की तैयारी कर रहे हैं। हम भी संरक्षक जीतन राम मांझी के साथ प्रेशर पॉलिटिक्स कर रहे हैं।

एनडीए में बिहार विधानसभा चुनाव से पहले हलचल बढ़ी है। केंद्रीय मंत्री और हमारे संरक्षक जीतन राम मांझी अभी से सीट बाँटने का दबाव बना रहे हैं। मांझी के साथ-साथ रालोसपा अध्यक्ष पशुपति पारस भी लालू यादव से संबंध बना रहे हैं। यह सब होते हुए भी, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पीएम मोदी को 32 पन्नों का एक पत्र लिखकर राजनीतिक गतिविधियों को बढ़ा दिया है। केंद्रीय मंत्री ने अपने पत्र में बिहार को विकसित करने के लिए केंद्र सरकार से मदद मांगी है। जानकारी के अनुसार, मुख्यमंत्री ने राज्य के बुनियादी ढांचे और विकास कार्यक्रमों के लिए केंद्र से अधिक धन की मांग की है।

बिहार सरकार ने अपने लेटर में बाढ़ नियंत्रण और जल निकासी पर खास जोर देते हुए केंद्र सरकार की ध्यान खींचा है। साथ ही राज्य में सौर ऊर्जा परियोजनाओं और हवाई अड्डों के निर्माण पर भी जोर दिया है। नीतीश कुमार की एनडीए सरकार का मानना है कि इन परियोजनाओं से लोगों को रोजगार मिलेगा और राज्य का विकास होगा। इस पत्र का समर्थन बीजेपी नेता सम्राट चौधरी ने भी किया है।

उनका कहना था कि बिहार के 26 जिलों में जल निकासी प्रणाली को सुधारने के लिए और अधिक पुलों और पुलियों की जरूरत है। उत्तर बिहार में हर साल आने वाली बाढ़ एक महत्वपूर्ण समस्या है। ऊंचे बांध बनाने के लिए नेपाल सरकार के साथ सहयोग करने की योजना है। इससे गंडक, कोसी और कमला नदियों की बाढ़ रोकी जा सकेगी। उनका कहना था कि बिहार सरकार ने बाढ़ नियंत्रण के लिए केंद्र से 13,000 करोड़ रुपये मांगे हैं। राज्य सरकार ने इसके अलावा अतिरिक्त उधार की सीमा बढ़ाने की भी मांग की है।

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