Joraram Kumawat: विभागों द्वारा एक वर्ष में की गई उपलब्धियां लोगों तक पहुंचनी चाहिए

Joraram Kumawat: बजट घोषणा में उन्हीं योजनाओं को शामिल किया जाए जिनकी शतप्रतिशत क्रियान्विति सुनिश्चित हो

पशुपालन, गोपालन और डेयरी मंत्री Joraram Kumawat ने शासन सचिवालय में बजट घोषणा की क्रियान्विति की समीक्षा बैठक ली। इस दौरान श्री कुमावत ने पशुपालन, गोपालन और डेयरी विभाग की बजट घोषणा की क्रियान्विति की समीक्षा की और आगामी बजट घोषणा पत्र में शामिल किए जाने वाले बिंदुओं पर विस्तार से चर्चा की।
बैठक में श्री जोराराम कुमावत ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में राज्य सरकार के एक वर्ष के कार्यकाल के दौरान सभी विभागों द्वारा किए गए महत्वपूर्ण कार्यों का प्रचार प्रसार किया जाना चाहिए ताकि लाभार्थियों तक समय पर सही सूचना पहुंच सके।
उन्होंने विभागों के कार्यों की प्रगति पर संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि बजट घोषणा के अधिकतर कार्य हम पूर्ण कर चुके हैं यह अच्छी बात है। बचे हुए कार्यों को भी जल्द से जल्द पूरा करने का लक्ष्य हमें लेकर चलना होगा। उन्होंने जिलों में आयोजित होने वाले पशु मेलों के अधिकाधिक प्रचार प्रसार पर जोर दिया और निर्देश दिए कि सरकार और विभाग के कार्यों और उपलब्धियों का प्रदर्शन भी इन मेलों में होना चाहिए। ये मेले विभाग के आयोजन के रूप में दिखने चाहिए।
मोबाइल वेटरिनरी यूनिट के संचालन पर चर्चा  करते हुए पशुपालन मंत्री ने कहा कि इनकी सतत मॉनिटरिंग बहुत आवश्यक है। इसके लिए प्रतिदिन इनके वीडियो मंगवाने का प्रयास किया जाए। शासन सचिव डॉ समित शर्मा ने जियो टैग की मदद से टाइम स्पान और लाइव लोकेशन मंगवाने का सुझाव दिया।
पशुपालन मंत्री श्री कुमावत ने कॉल सेंटर के अधिकाधिक प्रचार प्रसार और मॉनिटरिंग पर जोर देते हुए इसके लिए पंचायत, स्वयंसेवी संस्थाओं और अन्य स्थानीय एजेंसियों का सहयोग लेने के निर्देश दिए। उन्होंने निर्देश दिया कि नए वेटरिनरी कॉलेजों के आवेदन के लिए एक जनवरी तक पोर्टल खोल दिया जाए। उन्होंने मंगला पशु बीमा के लिए भी समय पर पोर्टल खोलने के निर्देश दिए।
श्री कुमावत ने कहा कि सरकार गाय को राजमाता का दर्जा देने पर गंभीरतापूर्वक विचार कर रही है। उन्होंने वर्ष 2025 को गौ वंश रक्षा वर्ष घोषित करने पर भी अपनी सहमति दी और कहा कि सक्षम स्तर से इसके अनुमोदन के बाद इसकी घोषणा की जाएगी। श्री कुमावत ने निर्देश दिए कि तीनों विभागों को मिलकर गौंवंश के उत्पादों पर आधारित एक मेला लगाना चाहिए जिसमें प्रदेश के सभी हिस्सों की गोशालाएं, डेयरी संघ और अन्य स्वयंसेवी संस्थाएं गौमूत्र, गोबर और दूध से बने विभिन्न प्रकार के उत्पादों की प्रदर्शनी लगाएं। इससे गाय के उत्पादों और डेयरी का प्रचार प्रसार तो होगा ही लोगों की उत्पादों के प्रति रूचि भी बढ़ेगी और पशुपालको का आर्थिक उन्नयन भी होगा।
उन्होंने सभी विभागों को निर्देश दिए कि लंबित विभागीय जांच के मामले की ज्यादा पेंडेसी नहीं होनी चाहिए और रिक्त पदों को जल्द से जल्द भरने की प्रक्रिया आरंभ करनी चाहिए।
उन्होंने आगामी बजट घोषणा पर चर्चा करते हुए विभागों को निर्देश दिए कि बजट घोषणा में उन्हीं योजनाओं को शामिल किया जाए जिनकी शतप्रतिशत क्रियान्विति सुनिश्चित हो। सरकार के एक वर्ष का कार्यकाल पूरा होने के उपलक्ष्य में प्रत्येक विभाग अपनी एक वर्ष की उपलब्धियों को प्रदर्शित करते हुए रंगीन सचित्र पुस्तक, फोल्डर,पैम्फलेट आदि का निर्माण करे और लोगों तक पहुंचाए। उन्होंने कहा कि विभागीय उपलब्धियों के व्यापक प्रचार प्रसार के लिए ऑडियो वीडियो फिल्म भी बनवाई जा सकती है।
बैठक में शासन सचिव डॉ समित शर्मा, आरसीडीएफ की प्रबंध निदेशक श्रुति भारद्वाज, पशुपालन निदेशक डॉ भवानी सिंह राठौड़, आरएलडीबी के कार्यकारी अधिकारी डॉ आनंद सेजरा तथा गोपालन निदेशक प्रह्लाद सहाय नागा सहित विभागों के अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
source: http://dipr.rajasthan.gov.in
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