Mahashivratri 2025 के लिए व्रत योजना: महाशिवरात्रि पर व्रत रखना शुभ है। माना जाता है कि ये व्रत सभी दुःखों से छुटकारा दिलाता है। किन लोगों को महाशिवरात्रि व्रत करना चाहिए और किसे नहीं, जान लें इसके नियम?
Mahashivratri 2025: शिवपुराण कहता है कि जो शिवभक्त हैं, वे शिवरात्रि और महाशिवरात्रि पर व्रत रखते हैं और भगवान भोलेनाथ की पूजा करते हैं। महाशिवरात्रि के दिन किया गया व्रत और भोलेनाथ की जलाभिषेक सभी दुःखों से छुटकारा दिलाता है। हिंदू धर्म में व्रत बहुत कठिन हैं।
भक्तों को उन्हें पूर्ण करने के लिए अपने आराध्य देव पर श्रद्धा और विश्वास रखकर उसके निर्विघ्न पूर्ण होने की प्रार्थना करनी चाहिए। यहाँ महाशिवरात्रि का व्रत करने के लिए नियम पढ़ें।
किस व्यक्ति को महाशिवरात्रि व्रत नहीं रखना चाहिए?
शिव पुराण में महाशिवरात्रि के व्रत के बारे में कुछ विशिष्ट नियम बताए गए हैं। इन नियमों में बताया गया है कि शिव की पूजा करते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए। महाशिवरात्रि व्रत में निराहार और भोजन किया जाता है। प्रेग्नेंट और बुजुर्ग लोगों को संतुलित आहार की जरूरत होती है, इसलिए महाशिवरात्रि का व्रत नहीं करना चाहिए। वहीं पीरियड्स में स्त्रियों को महाशिवरात्रि का व्रत करना वर्जित है।
शिवरात्रि की पूजा कैसे करें?
- भक्तों को शिवरात्रि के एक दिन पहले, त्रयोदशी तिथि के दिन, केवल एक बार भोजन करना चाहिए। इसका उद्देश्य यह है कि व्रत के दिन पाचन तंत्र में कोई अवांछित भोजन न बचे।
- शिवरात्रि के दिन सुबह नित्यकर्म करने के बाद, भक्तों को पूरे दिन के भोजन या निराहार व्रत का निर्णय लेना चाहिए। भक्तों को उपवास के दौरान सभी प्रकार के भोजन से दूर रहना चाहिए।
- इस दिन स्नान के जल में काले तिल डालना चाहिए। शिवरात्रि के दिन किये जाने वाले पवित्र स्नान से न केवल शरीर, बल्कि आत्मा भी शुद्ध होती है। इस दिन यदि संभव हो तो गङ्गा स्नान करना चाहिए।
- प्रदोष, निशिता या फिर रात्रि के चारों प्रहर में घर पर मिट्टी के शिवलिंग बनाकर जल और पंचामृत से अभिषेक करें।
- गुलाब जल, दुग्ध, चन्दन का लेप, दही, शहद, घी, चीनी, बेलपत्र, मदार के फूल भस्म, भांग, गुलाल और जल का प्रयोग करें।
- पूजा करते समय ॐ नमः शिवाय मन्त्र बोलना चाहिए।
- व्रत का समय चतुर्दशी तिथि के पश्चात् का बताया गया है।
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