Narasimha Jayanti 2024: नृसिंह भगवान की पूजा करने से सभी भय दूर होते हैं। शत्रुओं पर भी जीत मिलती है। आइए जानते हैं कि भगवान नृसिंह को किस विधि और मंत्र के साथ करना फलदायी होगा।
Narasimha Jayanti 2024: नृसिंह जयंती वैशाख शुक्ल पक्ष में मनाई जाती है। पुराणों में कहा गया है कि इसी दिन भगवान विष्णु ने नृसिंह अवतार लेकर दैत्यों के राजा हिरण्यकश्यपु का अत्याचार खत्म किया था। इसलिए इस दिन भगवान शिव का नृसिंह अवतार पूजा जाता है। और नृसिंह जयंती के दिन भगवान नृसिंह का व्रत रखने की भी परंपरा है। इस साल नृसिंह जयंती 21 मई 2024 को मनाया जाएगा।
नृसिंह जयंती के दिन, स्नान करने के बाद साफ कपड़े पहनकर उत्तर-पूर्व दिशा के ईशान कोण को साफ करें. फिर गाय के गोबर को उस कोण पर लगाकर आठ पंखुड़ियों वाला कमलदल बनाएं। फिर कमल के बीचों-बीच एक कलश रखें और चावलों से भरा हुआ एक बर्तन कलश के ऊपर रखें। अब चावलों से भरे बर्तन पर देवी लक्ष्मी और भगवान नृसिंह की प्रतिमा रखकर पूजा करें। सबसे पहले मूर्ति को पंचामृत से धोएं। फिर भगवान को कपूर, चंदन, रोली, तुलसीदल, फल-फूल, पीला कपड़ा आदि दें और फिर धूप, दीपक आदि से पूजा करें। शारदातिलक पर भगवान नृसिंह के इस मंत्र का भी जप करें।
ॐ उग्रवीरं महाविष्णुं ज्वलन्तं सर्वतोमुखं। नृसिंहं भीषणं भद्रं मृत्युमृत्युं नमाम्यहम्॥
नृसिंह जयंती के दिन इस मंत्र का जप करने से आपको बहुत ज्ञान मिलेगा। साथ ही आपको कोई भय नहीं होगा। कोई बुरी शक्ति आपको परेशान नहीं कर सकती। इस मंत्र को जपने से आप अपने शत्रुओं को भी पराजित कर सकते हैं। किसी को स्तम्भित करके नियंत्रित कर सकते हैं और अपने शत्रुओं को पराजित कर सकते हैं।
भगवान नृसिंह का एक और मंत्र भी है, जिसे आप नोट करके रख सकते हैं-
ऊँ नमो नृसिंहाय हिरण्यकश्यपु वक्षस्थल विदारणाय त्रिभुवन व्यापकाय भूत प्रेत पिशाच डाकिनी कुलोन्मूलनाय स्तम्भोद् भवाय समस्त दोषान् हर हर बिसर बिसर पच पच हन हन कम्पय कम्पय मथ मथ ह्रीं ह्रीं ह्रीं फट् फट् ठः ठः एह्येहि रूद्र इस्ञापये स्वाहा ।।
लक्ष्मी को प्राप्त करने के लिए साधक को इस दिन बेल की लकड़ियों से प्रज्वलित अग्नि में होम करना चाहिए। अन्यथा हजारों बेल के पत्रों से होम करना चाहिए। आपको लक्ष्मी की प्राप्ति अवश्य होगी। जबकि आरोग्यता पाने के लिए इस दिन बेल के फूलों और फलों से होम करना चाहिए।