pitru paksha 2024 date and time: अगर आप भी पितरों का श्राद्ध कर रहे हैं, तो आपको पूरी तरह से पता होना चाहिए कि कैसे और कब करना चाहिए। यहां हम आपको बताएंगे कि पितरों को तर्पण करने का सबसे अच्छा समय कौन सा है।
Pitru paksha 2024: अगर आप भी पितरों का श्राद्ध कर रहे हैं, तो आपको पूरी तरह से पता होना चाहिए कि कैसे और कब करना चाहिए। यहां हम आपको बताएंगे कि पितरों को तर्पण करने का सबसे अच्छा समय कौन सा है। पितृ पक्ष इस वर्ष 18 सितंबर से दो अक्तूबर तक चलेगा। जिन लोगों के पितरों की तिथि पूर्णिमा है, वे 17 सितंबर को पूर्णिमा का श्राद्ध करेंगे। प्रतिपदा का श्राद्ध 18 सितंबर को माना जाएगा।
पितरों को तर्पण करने का सबसे अच्छा समय
पितरों को किस समय तर्पण करना चाहिए, यह भी जानना बहुत महत्वपूर्ण है। इस समय सूर्य को जल अर्पित करने और तर्पण करने से पितरों तक पहुंचता है, ऐसा कहा जाता है। इसमें तीन कालों का उपयोग किया जाता है।कुतुप काल, रोहिण काल और अपराह्न काल कहा जाता है। कुतुप काल में इसका समय 11:36 से 12:25 बजे तक होता है। रोहिण काल में 12:25 से 1:14 बजे यह अपराह्न 1:14 से 3:41 बजे का समय है। ज्योतिषियों का कहना है कि यह समय पितरों की पूजा करने के लिए बहुत अच्छा है। पितृ इस समय तर्पण को स्वीकार करते हैं।
श्राद्ध क्यों आवश्यक है?
आपको बता दें कि अमावस्या, अश्विन मास के कृष्ण पक्ष की तिथि है, पितरों की तिथि भी कहलाती है। 18 सितंबर से 2 अक्टूबर तक अपने पिता को याद करने का दिन है। उसकी आत्मा की शांति के लिए तर्पण, श्राद्ध, पिंडदान और अन्य धार्मिक अनुष्ठान किए जाते हैं। मान्यता है कि पितृ इस समय अपने परिवार को आशीर्वाद देने के लिए धरती पर आते हैं। ज्योतिषाचार्य पं. दिवाकर त्रिपाठी पूर्वांचली ने कहा कि पितृ पक्ष में पितरों को श्रद्धापूर्वक भोजन कराना, दान करना और तर्पण करना बहुत महत्वपूर्ण है।