बायजू, जो कभी देश का सबसे अमीर स्टार्टअप था, अब मुश्किलों से गुजर रहा है। यह दो साल में 22 अरब डॉलर से 25 करोड़ डॉलर रह गया है। कंपनी के बड़े निवेशकों ने इस बीच को-फाउंडर और सीईओ बायजू रवींद्रन को निकालने की मांग की है। उन्हें बायजू की पेरेंट कंपनी थिंक एंड लर्न प्राइवेट लिमिटेड को एक नोटिस भेजा गया है, जिसमें एक अनवरत आम बैठक का आह्वान किया गया है। उनका कहना है कि इसमें कंपनी की लीडरशिप में बदलाव और बोर्ड को नए सिरे से गठित करने पर चर्चा होनी चाहिए। बायजू रविंद्रन, उनकी भाई रीजू रविंद्रन और पत्नी दिव्या गोकुलनाथ अभी बोर्ड में हैं।
इस बीच, अमेरिका में बायजू की एक यूनिट ने बैंकरप्सी प्रॉसीडिंग्स की मांग की है। बायजू की अल्फा यूनिट में 50 करोड़ से 1 अरब डॉलर के बीच की संपत्ति है।
बायजू को जनरल अटलांटिक, पीक-15 पार्टनर्स, सोफिना, चैन जुकरबर्ग संस्थान, आउल और सैंड्स ने निवेश किया है। इनकी कुल मिलाकर बायजू में करीब ३० प्रतिशत हिस्सेदारी है। उन्होंने कहा कि बायजू के शेयरधारकों के एक समूह ने जुलाई और दिसंबर में बोर्ड की बैठक बुलाने का भी अनुरोध किया था, लेकिन यह नजरअंदाज कर दिया गया था। गुरुवार को इन निवेशकों ने कहा कि हम कंपनी की वर्तमान स्थिति को देखते हुए उसके भविष्य को लेकर बहुत चिंतित हैं।वर्तमान लीडरशिप और बोर्ड कंपनी को चलाने में असफल रहे हैं। बायजू लंबे समय से गंभीर वित्तीय संकट से जूझ रही है और इसकी हालत लगातार खराब होती जा रही है।
गिरवी रखने पड़े मकान: मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, रवींद्रन को बायजू को बचाने के लिए बेंगलुरु में दो घर और एक निर्माणाधीन विला गिरवी रखना पड़ा है। व्यक्तिगत रूप से वह ४० करोड़ डॉलर का कर्ज ले चुका है। इसके लिए उन्होंने अपने सारे शेयर खर्च कर दिए हैं। अब उनके पास कोई पैसा नहीं है।
बायजू की पेरेंट कंपनी ने अब तक अपना वित्तीय वर्ष 2022 का लेखाजोखा नहीं जारी किया है, जिसमें 8,245 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था। हाल ही में मनिपाल एजुकेशन एंड मेडिकल ग्रुप के चेयरमैन रंजन पई आकाश इंस्टीट्यूट में सबसे बड़े शेयरहोल्डर बन गए हैं, जैसा कि खबर आई थी। 2021 में, बायजू की पेरेंट कंपनी थिंक एंड लर्न ने आकाश इंस्टीट्यूट को 95 करोड़ डॉलर में खरीद लिया।