Saphala Ekadashi 2024: कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि पर एकादशी व्रत किया जाता है। 7 जनवरी 2024 को सफला एकादशी है। एकादशी व्रत सभी पापों को नष्ट करने वाला है। आज सफला एकादशी है, इसलिए भगवान विष्णु के नारायण स्वरूप और माता लक्ष्मी का पूजन किया जाएगा।
धार्मिक मत है कि जो भी व्यक्ति इस व्रत को पूरी श्रद्धा से करता है, उसके प्रभाव से सभी प्रकार के पाप नष्ट हो जाते हैं। सुखद जीवन का वरदान मिलता है। कहते हैं कि सफला एकादशी व्रत करने से पांच वर्ष तक तप करने से अधिक पुण्य मिलता है। सफला एकादशी पर बहुत से यज्ञ होते हैं।
सफला एकादशी व्रत का समय
6 जनवरी को रात 12:52 पर सफला एकादशी शुरू होगी और 7 जनवरी को रात 12:48 पर समाप्त होगी। आज सफला एकादशी का व्रत इसी तरह रखा जाएगा। 8 जनवरी 2024 को सोमवार की सुबह 7:14 से 9:31 तक सफला एकादशी व्रत का पारण होगा। सफला एकादशी के दिन व्रत करने का विधान है।
2024 की सफला एकादशी की पूजा विधि
सुबह स्नान करने के बाद पूरे घर में गंगाजल डालकर घर को पवित्र करें।
फिर घर के मंदिर में एक चौकी रखें और पीले रंग का कपड़ा उसपर डालें।
चौकी पर भगवान विष्णु की मूर्ति रखें और दीपक जलाएं।
इसके बाद गंगाजल से भगवान को पूजा करें।
उनकी पूजा धुप, दीप, माला, नारियल, सुपारी, फल, पंचामृत और नैवेद्य से करें।
इस दिन माता लक्ष्मी और विष्णु भगवान की विधि-विधान से पूजा करें।
तुलसी के फूलों और पत्तों को भगवान श्रीहरि की पूजा में अवश्य दें।
पूजा करने के बाद श्रीकृष्ण के अवतारों की कहानी सुननी चाहिए।
सफला एकादशी की रात्रि को भगवान श्रीहरि की पूजा करनी चाहिए।
इस दिन पीपल, केले और तुलसी के पेड़ की पूजा करें और उनके पास दीप जलाएं।
द्वादशी तिथि के दिन, फिर से विष्णु भगवान की पूजा करें, ब्राह्मणों को भोजन दें और उन्हें दक्षिणा दें।
अंत में, परिवार के सदस्यों के साथ बैठकर भोजन करना चाहिए।
शुद्ध एकादशी व्रत की महिमा
यदि आपके काम बिगड़ रहे हैं या कार्यक्षेत्र में बाधा आ रही है तो सफला एकादशी का व्रत रखना आपके लिए बहुत फायदेमंद होगा। इस व्रत से भगवान विष्णु की अनंत कृपा और माता लक्ष्मी का आशीर्वाद मिलता है। इस व्रत से विष्णुलोक की प्राप्ति होती है। हिंदू धर्म में मोक्ष की प्राप्ति चाहने वालों के लिए इस व्रत को सबसे महत्वपूर्ण और पुण्यकारी माना जाता है।