Shaheed Diwas 2024: 23 मार्च को भारत में हर वर्ष शहीद दिवस मनाया जाता है। 1931 में, भगत सिंह, शिवराम राजगुरु और सुखदेव थापर को ब्रिटिश राज में फांसी पर चढ़ाया गया। इन तीनों स्वतंत्रता सैनानियों की मृत्यु को 92 साल हो गए। आज का दिन शहीद दिवस (Martyrs’ Day) है, क्योंकि इसमें उनके बलिदान को याद किया जाता है। 30 जनवरी भी एक है, लेकिन भारत में कई शहीद दिवस मनाए जाते हैं। 30 जनवरी को महात्मा गांधी की हत्या के कारण शहीद दिवस भी मनाया जाता है।
सुखदेव, भगत सिंह और राजगुरु ब्रिटिश शासन के खिलाफ थे और भारत को स्वतंत्र करना चाहते थे। तीनों ने लाला लाजपत राय की हत्या का बदला लेने के लिए विद्रोह करने का निर्णय लिया। ब्रिटिश सरकार ने तीनों को विभिन्न मामलों में गिरफ्तार किया, जिसमें ब्रिटिश पुलिस अफसर जोह्न सोंडर्स की हत्या का इल्जाम भी था। असल में सर जोह्न साइमन के लाहौर आने के बाद लाला लाजपत राय ने शांतिपूर्ण धरना करना शुरू किया था, जिसमें “साइमन गो बैक” स्लोगन शामिल था। जेम्स स्कोट के आदेश पर पुलिस ने लाला लाजपत राय को घायल कर दिया।
तीनों ने लाला लाजपत राय की मृत्यु के बाद जेम्स स्कॉट की हत्या की साजिश रची, लेकिन पुलिस अफसर जोह्न सोंडर्स को मार डाला गया। साथ ही भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव ने पब्लिक सेफ्टी बिल और ट्रेड डिस्प्यूट एक्ट के खिलाफ ब्रिटिशकालीन केंद्रीय विधानसभा पर हमले की योजना बनाई। 8 अप्रेल, 1929 को बम फोड़ने की योजना बनाई गई; तीनों को गिरफ्तार कर लिया गया और 23 मार्च, 1931 में फांसी दी गई।
शहीद दिवस हर साल भगत सिंह, शिवराम राजगुरु और सुखदेव थापर के बलिदान को स्मरण करते हुए मनाया जाता है। तीनों को फांसी देते समय भगत सिंह और सुखदेव केवल 23 साल और राजगुरु 22 साल के थे। तीनों ने अपने देश की स्वतंत्रता के लिए अपनी जान दे दी, जो युवा पीढ़ी को देशभक्ति से भर देगा।