Shri Bhuteshwar Mahadev Temple
Shri Bhuteshwar Mahadev Temple: भक्तों को मथुरा में मां सती (पाताल देवी) का दर्शन होते है। इस मंदिर में आने वाले हर व्यक्ति की मनोकामना पूरी होती है। यह पाताल भैरवी का मंदिर त्रेता युग का है, और इसमें अभी भी त्रेता युग की चीजें हैं। आइए जानते हैं इस मंदिर की मान्यता और खासियत।
मां पाताल भैरवी भूतेश्वर मंदिर में विराजमान हैं
मथुरा के कोतवाल भूतेश्वर महादेव है। माना जाता है कि इस मंदिर के प्रांगण में मां पाताल भैरवी विराजमान हैं, जो मां कात्यायनी का रूप है। मंदिर की एक विशिष्ट मान्यता है कि सच्चे मन से आने वाले हर भक्त की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
पूजा करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं
मंदिर की सेवायत पुजारन शिवांगी चतुर्वेदी ने कहा कि यह 51 शक्तिपीठों में से 11वां है। उनका कहना था कि विधि-विधान से यहां पूजा करने वाले व्यक्ति की सभी इच्छाएं पूरी होंगी। यह मंदिर त्रेता युग का है और मां कात्यायनी ने यहां के पूर्वजों को स्वप्न में दर्शन दिए थे.।
जमीनी प्रतिमा
शिवांगी चतुर्वेदी ने बताया कि जमीन से मां कात्यायनी की प्रतिमा प्रकट हुई थी। यहाँ उनके चूड़ामणि और केश विराजमान हैं। मां कात्यायनी ने पूर्वजों को भूतेश्वर महादेव की मूर्ति के पास स्थापित करने से इनकार कर दिया। तब से इस मंदिर को पाताल भैरवी कहा जाता था। यहां माता के चरण भी स्थापित हैं, और जो भी श्रद्धालु उनकी अरदास करता है, उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
नवरात्रि पर बहुत भीड़ लगती है
नवरात्रि पर इस मंदिर में पूजा करने के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं। अलग-अलग वस्तुएं मां को दी जाती हैं। कहा जाता है कि मां हर मुराद पूरी करती है। यही कारण है कि कुछ लोग इसे मन्नत पूरी करने वाला मंदिर भी कहते हैं।