पंजाब की Mann Government प्रदेश के विकास में लगातार योगदान दे रही है
पंजाब की Mann Government राज्य को विकसित करने के लिए लगातार काम कर रही है। यहाँ मान सरकार पंजाब में पराली की समस्या (Stubble Problem) से निपटने के लिए ये तकनीक उपयोग कर रही है। ध्यान दें कि सरकार पराली को नष्ट करने के लिए किसानों को इन-सीटू और एक्स-सीटू मॉडल (Ex-situ Model) अपनाने का आह्वान कर रही है। सरकार पराली जलाने की घटनाओं को कम करने के लिए CRM उपकरणों का उपयोग कर रही है।
आपको बता दें कि मान सरकार पंजाब में पराली जलाने की घटनाओं को कम करने के लिए CRM मशीनों का उपयोग कर रही है। किसानों को ये मशीनें दी जाती हैं ताकि वे पराली को नियंत्रित कर सकें। ये मशीनें पराली को इन-सीटू और एक्स-सीटू तरीकों से मार डालती हैं। पिछले तीन वर्षों में इन तकनीकों ने न केवल आग की घटनाओं को कम करने में मदद की है, बल्कि पराली प्रबंधन में भी सुधार किया है।
कृषकों को CRM मशीन दी गई
पंजाब सरकार ने 32 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में धान की खेती की है, और 2018 से अब तक राज्य भर में 1.43 लाख एकड़ में किसानों को CRM मशीनें दी गई हैं। इसे लेकर मुख्यमंत्री भगवंत मान की सरकार के प्रति प्रतिबद्ध है।
क्या हैं इन-सीटू और एक्स-सीटू मॉडल ?
धान की पराली को इन-सीटू प्रबंधन (In-Situ Management) में सुपर-सीडर, रोटावेटर, हैप्पी सीडर, पैडी स्ट्रा चॉपर और कुछ अन्य फसल अवशेष प्रबंधन मशीनों के माध्यम से खेत के भीतर ही काट लिया जाता है। और एक्स-सीटू में पराली को बंडलों में बदलकर ईंधन के रूप में उद्योगों में ले जाया जाता है।किसानों को कृषि उपकरणों पर अनुदान
आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने इसे X पर डाला है। केजरीवाल ने एक पत्र में कहा कि पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार ने पराली की समस्या से निपटने के लिए इन-सीटू और एक्स-सीटू मॉडलों को लागू किया है, जो खेत में अवशेषों को मिलाने वाले कृषि यंत्रों को सब्सिडी देते हैं।
इस मॉडल से किसानों में अधिक जागरूकता आई है और पराली जलाने के मामले कम हुए हैं। पंजाब के सीएम भगवंत मान (CM Bhagwant Mann) और हमारे किसान भाइयों को इस उत्कृष्ट कार्य के लिए बधाई देता हूँ।