इन दिनों रोहिणी के डॉ. बाबा साहेब आंबेडकर अस्पताल में पैरा मेडिकल स्टाफ की कमी है। हालाँकि, अस्पताल का थिएटर ऑपरेशन लगभग दो महीने से बंद है। डायलिसिस और सीटी स्कैन भी प्रभावित हो रहे हैं। ऐसे में मरीजों को निजी सेंटरों और अस्पतालों में जाना पड़ता है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, अस्पताल में डायलिसिस टेक्नीशियन और ओटी टेक्नीशियन सहित लगभग 15 पैरामेडिकल कर्मचारियों की कमी है। इसके चलते, मरीजों को डायलिसिस कराने के लिए लंबे समय तक वेटिंग करनी पड़ी है। डायलिसिस के लिए अस्पताल में तीन उपकरण हैं। जिस पर सिर्फ दो या तीन मरीजों की डायलिसिस हो सकती है। उधर, अस्पताल में आठ ऑपरेशन थिएटर हैं, जो एक टेक्नीशियन की कमी के कारण महीनों से बंद हैं। साथ ही, अन्य ओटी भी नियमित नहीं चल पा रहे हैं, जिससे मरीजों को ऑपरेशन के लिए लंबी वेटिंग की आवश्यकता होती है। साथ ही सीटी स्कैन जांच भी प्रभावित हो रही है।
मीटिंग में खुली पोल: अस्पताल के नवनियुक्त मेडिकल डायरेक्टर डॉ. ईश्वर सिंह ने डॉक्टरों की एक बैठक बुलाई थी जिसमें अस्पताल की कमियों के बारे में चर्चा की गई थी। एक डॉक्टर ने बताया कि तकनीकी उपकरणों की कमी के चलते कई दिनों से ओटी बंद है। और भी ओटी चलाना मुश्किल है। डायलिसिस करने में भी समस्याएं हैं, एक और डॉक्टर ने बताया। मुश्किल से एक या दो मरीज डायलिसिस पा रहे हैं। अस्पताल में डॉक्टर और उपकरण हैं, लेकिन पैरा मेडिकल स्टाफ की कमी सभी को परेशान करती है।
दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कुछ दिन पहले इस अस्पताल का औचक निरीक्षण किया था, जिसमें मरीजों से पैसे लेने का मुद्दा उठाया गया था। वह अस्पताल में जल्दी इलाज कराने के एवज में सुरक्षा गार्ड से पैसा मांगने की शिकायत पर आए थे। साथ ही, उन्होंने मरीजों से बातचीत की और कहा कि किसी भी गार्ड या कर्मचारी से पैसा मांगने पर तुरंत शिकायत करने और कार्रवाई करने का आश्वासन दिया था।