Satyanarayan की कहानी के लिए ये  दिन सबसे अच्छा है क्योंकि यह हजारों यज्ञों के बराबर लाभ देता है और जीवन के कष्टों को दूर करता है!

Satyanarayan कथा कब करनी चाहिए?

सत्यनारायण कथा करना अच्छा होता है। लेकिन अगर आप इस कहानी से हजार गुना लाभ उठाना चाहते हैं, तो कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए। हिंदू पंचांग के अनुसार, साल 2024 में आश्विन मास शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा के दिन सायं काल में सत्यनारायण की कथा करने पर इसका हजार गुना लाभ मिलेगा। हिंदू धर्म में शरद पूर्णिमा का बहुत महत्व है।

हरिद्वार के ज्योतिषी पंडित श्रीधर शास्त्री का कहना है कि स्कंद पुराण सत्यनारायण कथा का मूल है। आश्विन मास की पूर्णिमा के दिन, चंद्रमा अमृत के समान अपने पूरे स्वरूप में पृथ्वी पर अपनी रोशनी बिखेरता है। इस समय सत्यनारायण की कहानी बनाकर सुनने से व्यक्ति को सभी दुखों से छुटकारा मिलता है और भगवान विष्णु की कृपा से अनंत लाभ मिलता है। हिंदू धर्म में अश्विन मास सबसे शुभ है।

हजारों यज्ञों के बराबर लाभ

पुराणों के अनुसार, सत्यनारायण की कहानी सुनने से एक व्यक्ति को हजारों वर्षों तक चलने वाले यज्ञ के बराबर लाभ मिलता है। नकारात्मक शक्तियां एक व्यक्ति के जीवन से हमेशा दूर हो जाती हैं। हिंदू धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, सत्यनारायण कथा का आयोजन सूर्योदय के समय करना सबसे अच्छा है। 17 अक्टूबर, 2024 में शरद पूर्णिमा होगी। 17 अक्टूबर की शाम 5:35 पर सत्यनारायण की कथा करने पर हजारों गुना लाभ मिलेगा।

शाम को समय रखना चाहिए

माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु की कृपा से शरद पूर्णिमा के दिन सत्यनारायण कथा का आयोजन करना सभी दुखों को दूर करता है। साथ ही कभी नहीं खत्म होने वाले फल भी मिलते हैं।

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