Tulsi Vivah 2024: श्रीहरि ने तुलसी से विवाह क्यों किया? पढ़ें पौराणिक कथा, वृंदा का भगवान विष्णु से क्या संबंध है?

Tulsi Vivah: यह शुभ दिन भगवान विष्णु और देवी तुलसी के एकत्र होने का संकेत है

Tulsi Vivah का वर्ष 2024: सनातन धर्म में तुलसी विवाह का पर्व बहुत महत्वपूर्ण है। तुलसी विवाह इस बार 12 नवंबर 2024, मंगलवार को होगा। यह शुभ दिन भगवान विष्णु और देवी तुलसी के एकत्र होने का संकेत है। तुलसी जी का विवाह इस दिन होता है। ऐसा करने से विवाह और धन की समस्याएं खत्म हो जाती हैं। साथ ही घर में धन की देवी मां लक्ष्मी का निवास होता है। हम सब जानते हैं कि भगवान विष्णु मां लक्ष्मी के पति हैं, लेकिन फिर श्रीहरि विष्णु को तुलसी से शादी करनी पड़ी क्यों? श्रीहरि को वृंदा ने श्राप क्यों दिया? तुलसी विवाह के लिए इस वर्ष का शुभ मुहूर्त क्या है? उन्नाव के ज्योतिषाचार्य ऋषिकांत मिश्र शास्त्री इस विषय पर  बता रहे हैं:

ऐसे विलुप्त हो गया वृंदा का पतिव्रत धर्म?

पौराणिक कथाओं में कहा गया है कि जालंधर नामक राक्षस से परेशान देवतागण एक बार भगवान विष्णु के पास गए और अपनी सभी परेशानियों को बताया। इसका समाधान यह हुआ कि जालंधर की पत्नी वृंदा के सतीत्व को नष्ट करने से आसानी से जालंधर को मार डाला जा सकता है। नारायण ने वृंदा का पतिव्रत धर्म तोड़ने के लिए जालंधर का रूप लेकर वृंदा को स्पर्श किया. इससे वृंदा का पतिव्रत धर्म तोड़ दिया गया और जालंधर की सारी शक्तियां क्षीण हो गईं, और शिव ने उस असुर को मार डाला।

श्रीहरि को वृंदा ने श्राप क्यों दिया?

वृंदा को यह पता चला तो उन्होंने श्रीहरि को श्राप दे दिया कि वे तुरंत पत्थर बन जाएं। भगवान विष्णु ने पाषाण रूप में आकर उनका श्राप मान लिया। यह सब देखकर माता लक्ष्मी ने वृंदा से विनती की कि वह नारायण को दंड से छुटकारा दें।

इसलिए मां तुलसी शालीग्राम से विवाह करती है

वृंदा ने भगवान नारायण को श्राप से बचाया, लेकिन फिर भी उसने खुद को मार डाला. जिस जगह वृंदा ने आत्मदाह किया, वहां एक पौधा उग गई, जिसे विष्णु ने तुलसी नाम दिया और कहा कि इस पत्थर पर मेरा चित्र शालिग्राम नाम से हमेशा रहेगा, और तुलसी को सदा पूजा जाएगा। इसलिए देवउठनी एकादशी पर श्रीहरि के स्वरूप शालिग्राम और देवी तुलसी का विवाह हर साल होता है।

तुलसी विवाह के लिए सही समय 2024

12 नवंबर 2024 को शाम 5:29 बजे तुलसी विवाह का शुभ मुहूर्त होगा, क्योंकि इस समय सूर्यास्त होगा। तब तुलसी विवाह की तैयारी शुरू होगी। देवी तुलसी का विवाह भगवान शालिग्राम से होगा जब अंधेरा होगा। तुलसी विवाह का शुभ समय शाम के 5 बजकर 29 मिनट से 7 बजकर 53 मिनट तक है.

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