UP News: गोरखपुर के नकहा में वंदेभारत कोचिंग कॉम्प्लेक्स बनाया जाएगा। मानीराम शिफ्ट होगा। 149 करोड़ रुपये की लागत से कोचिंग सेंटर बनाया जाएगा। रेलवे बोर्ड ने दो वित्तीय वर्षों में 32 सौ कोच बनाने का लक्ष्य रखा है। वंदेभारत के लिए पहले कोचिंग डिपो वाराणसी में बनाया जाना था।
UP News: अब नकहा स्टेशन वंदेभारत ट्रेनों का रखरखाव और साफ-सफाई करेगा। 149 करोड़ रुपये की लागत से इस स्थान पर अत्याधुनिक कोचिंग कॉम्प्लेक्स बनाया जाएगा। इसे इस तरह बनाया जाएगा कि यहां दूसरे रेक का भी रखरखाव किया जा सके। नकहा में कोचिंग कांप्लेक्स बनाने से पहले, यहां निर्मित सुंदर भवन को मानीराम में स्थानांतरित करने की प्रक्रिया चल रही है। शिफ्ट करने से नकहा में पर्याप्त जगह तो मिलेगी ही, शहर के स्टेशन परिसर से ट्रकों की भीड़भाड़ और धूल-धूएं में भी कमी आएगी।
कोचिंग कॉम्प्लेक्स पहले वाराणसी में बनाया जाना था, लेकिन तकनीकी कारणों से स्वीकृति नहीं मिल सकी। इसलिए रेलवे बोर्ड ने इस परियोजना को नकहा में समाप्त करने का आदेश दिया है। उत्तर रेलवे मुख्यालय ने प्रयास शुरू कर दिया है। सर्वे का कार्य पूरा हुआ है। इस सम्बंध में अग्रिम कार्य जल्द ही शुरू होंगे।
मॉनीराम स्टेशन का सर्वे किया गया है
यांत्रिक विभाग ने मॉनीराम में नया सुंदर शेड बनाने का सर्वे पूरा कर लिया है। परिचालन विभाग ने इसे मान्यता दी है। अब वाणिज्य विभाग के कुछ कार्यों को पूरा करने के बाद काम शुरू हो जाएगा।
नकहा में लगने वाले ट्रकों का जमावड़ा खत्म होगा
नकहा स्टेशन के दोनों तरफ ट्रकों का जमावड़ा रहता है जो सीमेंट और खाद की लोडिंग करते हैं। इससे दिन-प्रतिदिन ट्रैफिक जाम और धुआं की मात्रा बढ़ी है। आसपास के इलाकों में रहने वाले लोगों को इसकी वजह से बहुत असुविधा होती है।
2027 तक 400 वंदेभारत ट्रेनें तैयार होंगी
भविष्य में पूर्वोत्तर रेलवे ही नहीं, देश भर के प्रमुख रेलमार्गों पर वंदे भारत ट्रेनें चलती नजर आएंगी। भारत भी बदल गया है। भारत में भी गुलाबी वंदे स्लीपर कोच लगने लगी हैं। रेलवे बोर्ड ने दो वित्तीय वर्ष में 3200 अतिरिक्त वंदे भारत के कोच बनाने का लक्ष्य रखा है। 2027 तक कम से कम आठ कोचों वाली 400 वंदे भारत ट्रेनें बनाई जाएंगी। ये सभी कोच चेन्नई में इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (आइसीएफ), कपूरथला में रेल कोच फैक्ट्री (आरसीएफ) और रायबरेली में माडर्न कोच फैक्ट्री में बनाए जाएंगे। रेलवे को अब मरम्मत शेड की भी जरूरत महसूस होने लगी है। वर्तमान में देश में पाँच सौ वंदे भारत ट्रेनें चल रही हैं, जबकि गोरखपुर से अयोध्या के रास्ते लखनऊ और प्रयागराज तक वंदेभारत चल रही है।