UP News: यूपी में योगी सरकार ने कृषि क्षेत्र में काम करने वालों के लिए न्यूनतम वेतन निर्धारित किया है। इन दरों में 182 रुपये का इजाफा हुआ है। जानें बढ़ाने के बाद कितनी दरें निर्धारित की गई हैं?
UP News: एक अप्रैल 2024 से राज्य सरकार ने कृषि क्षेत्र में नियोजित कर्मचारियों के लिए मजदूरी की न्यूनतम दरें निर्धारित और पुनरीक्षित की हैं। नौ जुलाई को श्रम विभाग के प्रमुख सचिव अनिल कुमार ने इस संबंध में सूचना दी है। इसके तहत, वयस्क कर्मचारियों के लिए सर्वसमावेशी मासिक मजदूरी दर 6162 रुपये, या 237 रुपये प्रतिदिन है। बालकों और किशोरों को संदेय मजदूरी की न्यूनतम मजदूरी दर वयस्क कर्मचारियों की न्यूनतम मजदूरी दर से कम नहीं होगी।
गौरतलब है कि 26 मई 2023 को उत्तर प्रदेश में कृषि श्रमिकों की न्यूनतम मजदूरी 5980 रुपये प्रति माह थी और उनकी प्रतिदिन न्यूनतम मजदूरी 230 रुपये थी। इस बार यह 182 रुपये प्रति महीने बढ़ा है। यदि इससे अधिक मजदूरी की दरों का भुगतान किया जा रहा है, तो उसका भुगतान किया जाता रहेगा।
कृषि कार्य में परिभाषित कार्यों में भूमि जोतने और बोने, कृषि उत्पादन, खेती, कृषि उत्पादों का उगाना और काटना, उनकी तैयारी और भंडारण, उन्हें मंडी में वितरण या मंडी तक ले जाना शामिल है। इसके अलावा, मशरूम की खेती सहित कृषि कार्यों से जुड़े या उनके साथ किए जाने वाले सभी आकार के फार्मों में, म्यूनिसिपल या कैन्ट्नमेंट सीमाओं के छः किलोमीटर के भीतर स्थित फॉर्म भी शामिल हैं।
वहीं दुग्ध उद्योग, पशुधन में वृद्धि, मधुमक्खी पालन, कुक्कुट पालन और उनकी अनुषांगिक क्रियाएं भी कृषि कार्यों के साथ-साथ वन संबंधी या काष्ठ उपकरण संबंधी हैं। यह भी कहा गया है कि किसी भी रूप में मजदूरी की दरें, किसी कर्मचारी के हित के प्रतिकूल लागू नहीं होंगी, यदि इससे अधिक मजदूरी की दरों का भुगतान किया जा रहा है, तो उसका भुगतान किया जाता रहेगा।