UP News: योगी सरकार ने धान के गबन में कार्रवाई की, पीसीएफ के क्षेत्रीय प्रबंधक सहित पांच अधिकारियों को निलंबित किया

UP News: योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश की बस्ती में धान गबन के मामले में बहुत कुछ किया है। सरकार ने पीसीएस के प्रबंध निदेशक सहित पांच अधिकारियों को बर्खास्त कर दिया है। विभाग में एक साथ पांच अधिकारियों के सस्पेंशन से हड़कंप मच गया।

UP News: योगी सरकार ने यूपी में खरीद एजेंसियों को धान खरीदकर मिल को नहीं देने के मामले में कड़ी कार्रवाई की है। धान गबन में प्रबंध निदेशक संजय कुमार और पीसीएफ के क्षेत्रीय प्रबंधक सहित पांच अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है। बस्ती मंडल में लगभग 20 करोड़ का धान गबन मिला। अधिकारियों की कोशिशों से लगभग 17 करोड़ रुपये की रिकवरी हुई है।

30 जून तक सभी समितियों को शासन के निर्देश पर खरीदा गया धान अनुबंधित मिलों तक पहुंचाना था। बस्ती की 17 समितियों ने समय पर धान नहीं भेजा। उस समय, एफसीआई ने धान की आपूर्ति 31 जुलाई तक बढ़ा दी। शर्त थी कि मौके पर उपलब्ध धान ही जमा किया जाएगा। साथ ही, एफसीआई ने जांच के लिए तीन टीम बनाई। एफसीआई, खाद्य विभाग और पीसीएम के अधिकारी इसमें शामिल थे।

परीक्षण टीम ने बताया कि जांच के दौरान सभी समितियां बंद हो गईं। इनमें बस्ती की 17 समितियां शामिल थीं, जिसमें बीपैक्स की आठ, क्रय-विक्रय सहकारी और डीसीएफ की दो-दो, केंद्रीय उपभोक्ता समिति की चार और सहकारी संघ की एक समिति शामिल थीं। टीम ने कहा कि समितियों के बंद होने से स्पष्ट है कि उनके पास कोई धान नहीं है। सभी समितियों को प्रशासनिक शुल्क के साथ धान मूल्य को तत्काल देना होगा। हालाँकि, समितियों और खरीद एजेंसियों के कुछ प्रभारियों ने कहा कि सत्यापन टीम नहीं पहुंची और कमरे में बैठकर रिपोर्ट दी।

एमडी संजय कुमार ने बस्ती मंडल के क्षेत्रीय प्रबंधक पीसीएफ चंद्रशेखर, बस्ती के जिला प्रबंधक अमित कुमार, बस्ती के लेखाकार आशीष, सिद्धार्थनगर के जिला प्रबंधक अमित कुमार, लेखाकार और संतकबीरनगर के लेखाकार कम जिला प्रबंधक मुनेश्वर प्रसाद को निलंबित कर दिया है, क्योंकि वे अधिकारियों की लापरवाही को मानते हैं।

सात समतियों पर गबन का मुकदमा दर्ज हो चुका है

बस्ती की 17 समितियों में 2542 एमटी धान था। इसका प्रशासनिक खर्च 5 करोड़ 72 लाख 36 हजार रुपये था। सहकारिता के अधिकारियों ने यह धन जुटाने की कोशिश की और 3 करोड़ 70 लाख 58 हजार 370 रुपये जुटाए गए। जमा करने के लिए अभी भी दो करोड़ 21 लाख 78 हजार 252 रुपये शेष हैं। सात समितियों के खिलाफ भी गबन का मुकदमा दर्ज कराया गया है। बीपैक्स समिति रामगढ़ ने 14 लाख 73 हजार 310 रुपये की बकाया राशि दी है। आर कोआपरेटिव आशीष श्रीवास्तव ने कहा कि बकाया रकम जुटाने की कोशिश की जा रही है। आरोपियों के खिलाफ आरसी जारी कराई जा रही है।

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