Yogi Adityanath: गाजियाबाद में नगरीय परिवहन के तहत संचालित सिटी इलेक्ट्रिक बस के ड्राइवर और कंडक्टर ने ईमानदारी का प्रदर्शन किया, इसलिए विभाग ने उन्हें सम्मानित किया।
Yogi Adityanath news: जीरो टॉलरेंस की नीति के तहत उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारियों और कर्मचारियों पर नकेल कस रही है, लेकिन ईमानदार और मेहनती कर्मचारियों को पुरस्कार भी मिल रहे हैं। हाल ही में गाजियाबाद में नगरीय परिवहन की सिटी इलेक्ट्रिक बस के ड्राइवर और कंडक्टर को उनकी ईमानदारी के लिए सम्मानित किया गया।
सरकार ने दोनों कर्मचारियों को विभाग की संस्तुति पर प्रशस्तिपत्र देकर सम्मानित किया है। सरकार का मानना है कि ईमानदार कर्मचारियों को इस तरह सम्मानित करने से दूसरे कर्मचारियों को भी अपने कर्तव्यों को पूरा करने के लिए प्रेरित किया जाएगा।
जानें: पूरा मामला क्या है?
दरअसल, बुधवार को गाजियाबाद सिटी ट्रांस लि. के तहत बहरामपुर डिपो पर बस यूपी 14 केटी 6554 के अंदर एक अज्ञात महिला यात्री का पर्स छूट गया था और बाद में कंडक्टर सतेंद्र (आईडी 231) और ड्राइवर आसिफ ने इसकी खोज की, वे दोनों कर्मचारियों ने ईमानदारी का परिचय देते हुए इस पर्स को गाजियाबाद सिटी ट्रांस.लि. के बहरामपुर बस डिपो में लाकर जमा करा दिया.
इस पर्स में छह हजार रुपये नगद और अन्य आवश्यक सामान था। दोनों कर्मचारी पैसे आपस में बाँट सकते थे, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया और पैसे सीधे डिपो में ले जाकर जमा कर दिए। जब महिला यात्री के परिजनों ने पर्स पर दावा किया, तो इसकी पुष्टि की गई. फिर, पर्स को संबंधित दावेदारों को दिया गया।
साथ ही दोनों कर्मचारियों की ईमानदारी से अन्य कर्मचारियों को भी ईमानदारी के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से संबंधित परिचालक सतेंद्र एवं चालक आसिफ को प्रशस्ति पत्र देने की घोषणा की गई है.
कमांड सेंटर से की जा रही नियमित मॉनिटरिंग
डिपो की प्रबंधक संचालन ज्योति सक्सेना ने बताया कि कमांड सेंटर नियमित परिचालकों की काउंसलिंग करता है, जिसका उद्देश्य कर्मचारियों में नैतिक कार्य संस्कृति को विकसित करना है। उन्हें अपने दैनिक जीवन में नैतिकता और पारदर्शिता का पालन करने की प्रेरणा दी जाती है। नियमित निगरानी से प्रभावित परिचालकों द्वारा निरंतर निष्ठा और ईमानदारी भी दिखाई देती है। ये घटना एक उदाहरण है। हम दोनों कर्मचारियों को गुरुवार को प्रशस्ति पत्र देंगे, ताकि डिपो और विभाग के अन्य कर्मचारी भी प्रेरित हों।