Yogini Ekadashi 2024: योगिनी एकादशी क्यों मनाई जाती है? इस व्रत की पौराणिक कथा के बारे में जानें

Yogini Ekadashi 2024: 02 जुलाई को योगिनी एकादशी का व्रत रखा जाएगा। इस दिन व्रत करने और भगवान विष्णु की कथा सुनने से 88 हजार ब्राह्मणों को भोजन कराने के बराबर लाभ मिलता है।

Yogini Ekadashi 2024: योगिनी एकादशी आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। इस एकादशी का व्रत मानते हैं कि सभी पाप दूर हो जाते हैं। इस व्रत को करने से किसी के दिये हुए श्राप का निवारण भी हो जाता है.

योगिनी एकादशी शरीर की सभी आधि-व्याधियों को दूर करती है और सुंदर रुप, गुण और सफलता प्रदान करती है। आप जानते हैं कि यह एकादशी क्यों मनाई जाती है? योगिनी एकादशी इस बार 02 जुलाई को मनाई जाएगी।

योगिनी एकादशी

तीनों लोकों में योगिनी एकादशी का व्रत प्रसिद्ध है। माना जाता है कि इस व्रत को करने से जीवन में सुख और समृद्धि मिलती है। इस एकादशी का व्रत करने से 88 हजार ब्राह्मणों को भोजन कराने के बराबर पुण्य मिलता है। यह एकादशी व्रत करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती है। यह व्रत मोक्ष की ओर ले जाता है। माना जाता है कि इस व्रत से सभी पाप दूर हो जाते हैं।

योगिनी एकादशी की पौराणिक कथा

राजा कुबेर की राजधानी अलकापुर  नगर में हेम नामक एक माली रहता था। वह हर दिन भगवान शंकर को पूजने के लिए मानसरोवर से फूल लाता था। वह एक दिन अपनी पत्नी के साथ स्वछन्द भोजन करने चला गया, जिससे उसे फूल लाने में बहुत देर हो गई। दरबार में देर से पहुंचने पर राजा कुबेर ने उसे कोढ़ी होने का श्राप दिया।

राजा के श्राप के प्रभाव से हेम माली इधर-उधर भटकता रहा। एक दिन वह भटकते हुए दैवयोग से मार्कण्डेय ऋषि के आश्रम में  जा पहुंचा। योग बल से ऋषि ने उसके दुखी होने का कारण पता लगाया। ऋषि ने माली से कहा कि योगिनी एकादशी का व्रत रखने को कहा। व्रत के प्रभाव से हेम माली का कोढ़ समाप्त हो गया और उसे मोक्ष की प्राप्ति हुई.

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