जींद के सरकारी स्कूल में 60 छात्राओं का यौन शोषण, प्रिंसिपल की गिरफ्तारी पर लड़कियां अब भी भयभीत हैं

जींद के सरकारी स्कूल में 60 छात्राओं का यौन शोषण, प्रिंसिपल की गिरफ्तारी पर लड़कियां अब भी भयभीत हैं

हरियाणा के जींद में एक सरकारी स्कूल में छात्राओं के चेहरे सहमे हुए हैं और वातावरण तनावपूर्ण है। सरकारी स्कूल में लगभग दो महीने पहले 60 छात्राओं के साथ छेड़छाड़ और दुर्व्यवहार का मामला सामने आया था। प्रधानमंत्री, महिला आयोग और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को इस संबंध में पत्र लिखा गया था। स्कूल के प्रधानाचार्य करतार सिंह पर ही छेड़छाड़ का आरोप है। प्रिंसिपल को इस मामले में गिरफ्तार कर लिया गया है और पूछताछ जारी है।

लेकिन लड़कियों में डर अब भी है। दरअसल, उचाना मंडी के एक सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले विद्यार्थियों ने शिकायत पत्र में कहा कि उनके स्कूल के शिक्षक ने उन्हें परेशान कर रखा है। वह कई बार पढ़ाई छोड़ दी है। प्रिंसिपल ने गेट पर काला शीशा लगाया है। आरोप है कि विद्यार्थियों को विरोध करने पर फेल करने या बदनाम करने की धमकी दी गई थी। विद्यार्थियों का दावा है कि उन्होंने कर्मचारियों को भी इसके बारे में बताया था, लेकिन कर्मचारियों ने उन्हें चुप कर दिया।

जींद के सरकारी स्कूल में 60 छात्राओं का यौन शोषण, प्रिंसिपल की गिरफ्तारी पर लड़कियां अब भी भयभीत हैं
जींद के सरकारी स्कूल में 60 छात्राओं का यौन शोषण, प्रिंसिपल की गिरफ्तारी पर लड़कियां अब भी भयभीत हैं

शिकायत करने वाले विद्यार्थियों ने बताया कि चार महीने पहले एक माँ ने भी प्रिंसिपल का साथ दिया था। प्रिंसिपल पर आरोप है कि वह राजनीतिक रूप से प्रभावित है। तीन बार इसी तरह के मामलों में आरोपी प्रिंसिपल बदला गया है। विद्यार्थियों ने कहा कि अगर कोई बाहरी टीम स्कूल में जांच करके एक-एक विद्यार्थी से अकेले बात करे तो कई और मामले और कई नाम सामने आ सकते हैं।

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जींद के सरकारी स्कूल में 60 छात्राओं का यौन शोषण, प्रिंसिपल की गिरफ्तारी पर लड़कियां अब भी भयभीत हैं

पीएमओ ने प्रिंसिपल पर दर्ज किया गया केस पर कार्रवाई करते हुए जिला प्रशासन को पत्र लिखा। इसके बाद जिला प्रशासन ने कदम उठाया। मामला जिला शिक्षा अधिकारी ने जांच किया। मामले में एसआईटी और सेक्सुअल हैरेसमेंट कमिटी का गठन किया गया था। आरोपी प्रिंसिपल को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया और सस्पेंड कर दिया गया। महिला आयोग ने मामले की चर्चा के बाद 31 अक्टूबर को पंचकूला में डीएसपी, जिला शिक्षा अधिकारी को बुला लिया है। पीड़ित छात्रों को फोन किया गया था।

महिला आयोग ने भी आरोपी प्रिंसिपल को फोन किया था, लेकिन वह नहीं आया। प्रिंसिपल का बेटा और एक नजदीकी अधिवक्ता पहुंचे। डीएसपी अमित भाटिया, उचाना थाना प्रभारी बलवान सिंह और जांच अधिकारी प्रेम कुमारी को बताया गया कि आरोपी को एफआईआर होने के बावजूद गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया था। 24 घंटे में अभियुक्त प्रिंसिपल को गिरफ्तार करने का आदेश दिया गया था।

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