पंजाब में खूब पराली जला रहे किसान, अब तक 969 मामले रिपोर्ट, अमृतसर में सबसे अधिक

चंडीगढ़: पंजाब में पराली (फसलों के अवशेषों) को जलाने का सिलसिला लगातार जारी है। पिछले 24 घंटों में पंजाब में पराली जलाने के 92 नए मामले सामने आए है। पंजाब में इस सीजन में पराली जलाने के कुल मामले बढ़कर 969 हो गए। इससे पहले 1 अक्टूबर को 123, 2 को 119, 3 को 105, 4 को 95, 5 को 98, 6 को 91 और 7 अक्टूबर को 32 मामले सामने आए थे।

 

पंजाब रिमोट सेंसिंग सेंटर के अनुसार, 92 नए मामलों में से 22 अमृतसर के सीमावर्ती जिले से सामने आए। इसके बाद तरन तारन से सटे 19 मामले, एसएएस नगर में 14, पटियाला में 13, कपूरथला में आठ, संगरूर में छह, फिरोजपुर में तीन, फतेहगढ़ साहिब और फाजिल्का में दो-दो और फरीदकोट, जालंधर और लुधियाना जिलों में एक-एक मामला सामने आया। रविवार को पंजाब के 12 जिलों से फसल अवशेष जलाने की सूचना मिली थी।

 

 

 

पराली जलाने के 969 मामले

अब तक अवशेष जलाने के कुल 969 मामलों में से 559 मामले अमृतसर जिले से सामने आए हैं। अमृतसर के बाद पास के तरन तारन में 19, एसएएस नगर में 14, पटियाला में 13, कपूरथला में 8, संगरूर में 6, फिरोजपुर में 3, फतेहगढ़ साहिब, फाजिल्का में 2-2, फरीदकोट, जालंधर और लुधियाना में 1-1 जलने के मामले सामने आए। रविवार को पंजाब के 12 जिलों से फसल अवशेष जलाने की सूचना मिली थी। रविवार को जलने के 92 मामलों के मुकाबले, 2022 में केवल 19 और 2021 में 108 मामले 8 अक्टूबर को दर्ज किए गए थे।

 

हरियाण के अंबाला में भाकियू की बैठक

भारतीय किसान यूनियन (शहीद भगत सिंह) के बैनर तले किसानों ने रविवार को अंबाला के गुरुद्वारा मर्दन साहिब में पराली जलाने और ऐसा करने वालों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने पर चर्चा करने के लिए एक बैठक की। बैठक के बाद, किसानों ने सरकार के दबाव में नहीं झुकने और अगर उन्हें पॉकेट-फ्रेंडली समाधान नहीं मिलता है तो पराली जलाने का फैसला किया। उन्होंने कह कि किसान जुर्माना जमा नहीं करेंगे। एफआईआर दर्ज करके, सरकार हमें फसल अवशेष प्रबंधन के लिए महंगे उपकरण और मशीनरी खरीदने के लिए मजबूर करके निजी कंपनियों की नीतियों के तहत काम कर रही है।

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