माघ सप्तमी: तारीख, पूजा विधि और महत्व जानकर करें सूर्यदेव की उपासना

संतान सप्तमी का व्रत हर वर्ष माघ मास की सप्तमी तिथि को रखा जाता है। यह भी रथ सप्तमी, अचला सप्तमी, भानु सप्तमी, संतान सप्तमी और आरोग्य सप्तमी कहलाता है। माना जाता है कि माघ मास की शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि पर सूर्य देव की पूजा करना उत्तम है। माना जाता है कि इस दिन सूर्य देव की पूजा करने से स्वस्थ जीवन मिलता है। धन भी बढ़ता है। हम संतान सप्तमी की तिथि, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि को जानते हैं।

माघ सप्तमी व्रत पंचांग के अनुसार, 15 फरवरी को माघ मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि होगी, जो अगले दिन सुबह 8 बजकर 55 मिनट तक रहेगी। लेकिन उदया तिथि 16 फरवरी को होगी, इसलिए सप्तमी तिथि का व्रत 16 फरवरी को रखा जाएगा।

माघ मास की शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि की सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर पूजा करें।

इसके बाद उगते हुए सूर्य को श्रद्धांजलि दें। स्नान करने के बाद पीला कपड़ा पहनकर सूर्यदेव को अर्घ्य दें।

सूर्य को जल देते समय अक्षत, तिल, रोली, दूर्वा और गंगा जल को भी मिलाना न भूलें। सूर्य को अर्घ्य देते समय “ऊँ सूर्याय नम:” मंत्र का जप भी करते रहें।

इसके बाद पूरे नियमों के साथ सूर्य देव को पूजें। सूर्य चालीसा और सूर्य कवच भी पढ़ें। अंत में सुख-समृद्धि के लिए सूर्यदेव की आरती करें। अपनी मनोकामना पूर्ति के लिए व्रत भी रखें। यदि आप व्रत नहीं रख पा रहे हैं तो इस दिन सूर्यदेव का पूजन जरुर करें।

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