Shab-E-Barat 2025: मुस्लिमों का शब-ए-बारात एक बहुत विशिष्ट त्योहार है। इसे मगफिरत की रात कहते हैं। शाबाद का चांद दिखने पर शब-ए-बारात की तारीख भी निर्धारित होती है। यह पर्व फरवरी महीने में कब होता है?
Shab-E-Barat 2025: मुस्लिम धर्म के अधिकांश पर्व चांद के दीदार पर निर्भर करते हैं। इसी तरह, शाबान (इस्लामिक कैलेंडर का आठवां महीना) के चांद के दीदार के बाद ही शब-ए-बारात का त्योहार मनाया जाएगा। इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार, हर साल इस्लामी तिथि शाबान 15 के मध्य में शब-ए-बारात होती है।
इस्लाम धर्म में सभी पर्व-त्योहारों का एक अलग महत्व है। Shab-e-Barat भी पवित्र इस्लामिक त्योहारों में से एक है। मुसलमान इस पर्व को लेकर विशेष तैयारियां करते हैं और शाबान के चांद का इंतजार करते हैं, जो शब-ए-बारात की तारीख घोषित करेगा।
नजर आया शाबान का चांद, तय हुई शब-ए-बारात की तारीख
याद रखें कि शाबान का चांद आ गया है, और इस्लामी कैलेंडर के अनुसार गुरुवार 13 फरवरी 2025 को शब-ए-बारात मनाई जाएगी। विभिन्न धार्मिक संस्थाओं ने कहा कि 29 रजब की समाप्ति के बाद, 30 जनवरी 2025 को शाबान में चांद देखा गया।
पाकिस्तान के राजनपुर, भुजपाल और गुजरात में चांद नहीं देखा गया। लेकिन यह अन्य जगहों में आम है। 29 जनवरी को रजब की चांद की पुष्टि होने के बाद 31 जनवरी को शाबान की पहली तारीख घोषित की गई। 13 फरवरी को इसी आधार पर शब-ए-बारात होगी और शाम को विशेष इबादतें की जाएंगी।
मुसलमान शब-ए-बारात पर क्या करते हैं?
मुसलमान शब-ए-बारात की रात को बहुत पवित्र मानते हैं। इसमें वे पूरी रात जागते हैं, कुरान पढ़ते हैं, नमाज अदा करते हैं और अल्लाह की इबादत करते हैं। साथ ही लोग अपने अपराधों के लिए माफी मांगते हैं। इस्लाम की धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस रात की इबादत से अल्लाह आपकी मांगों को अवश्य पूरा करेगा।
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