CM Dr. Yadav: शिल्पों में भी जीवंत है सनातन संस्कृति
हमारी संस्कृति अहिंसा परमो धर्म एवं जियो और जीने देने का भाव सिखाती है
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि मार्ग भले ही पृथक-पृथक हो परंतु सदैव मंशा सद्भाव की होती है। उनके दिखाए हुए मार्ग पर चलना पूरे सनातन धर्म ने स्वीकार किया है। अहिंसा परमो धर्म का भाव जियो और जीने दो, प्राणी मात्र से प्रेम करो जैसे सरल मार्ग पर चलकर ही आता है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि ऐसे में समूची मानवता को मंदिर संस्कृति अपने आप में समेटे हुए है। प्रस्तर शिल्प में सनातन संस्कृति जीवंत स्वरूप में दिखाई देती है। हमारी प्राचीन कला, संस्कृति और सभ्यता को विभिन्न स्वरूपों में पत्थरों पर उकेरा गया है, न सिर्फ प्रस्तर शिल्प बल्कि काष्ठ शिल्प भी सनातन संस्कृति विभिन्न रूपों में अपनी कहानी कह रही है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मनुष्य में सनातन संस्कृति को लेकर मन के भावों को इन उत्कृष्ट कलाओं के माध्यम से जीवंत करने का प्रयास किया गया है।
संतों के सत्संग से मिलता है मानवता का प्रसाद
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि यह हमारा सौभाग्य है कि कदम-कदम पर चुनौतियों और कठिनाइयों के समय में मन की एकाग्रता के लिए मानवता के साथ अगर कोई सन्मार्ग पर चलना सिखाता है, तो वह सनातन संस्कृति ही सिखाती है, हमारा धर्म सिखाता है। उन्होंने कहा कि मैं अपने आप को सौभाग्यशाली मानता हूं कि मध्यप्रदेश की धरती से लंदन में आकर श्री स्वामीनारायण मंदिर में भगवान को नमन करने का अवसर मुझे प्राप्त हुआ। मैं अपनी इस यात्रा में संतों से मिला और उनका आशीर्वाद प्राप्त किया। मैं परमात्मा से यही प्रार्थना करता हूं कि सनातन संस्कृति का इसी प्रकार संपूर्ण विश्व में विस्तार होता रहे।
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