दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली विधानसभा में नामांकन भर दिया।

अरविंद केजरीवाल ने नई दिल्ली सीट से नामांकन भरा

दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली विधानसभा में नामांकन भर दिया। नामांकन से पहले, केजरीवाल ने बाल्मीकि मंदिर और हनुमान मंदिर भी जाकर आशीर्वाद लिया। वह महिला और अन्य पार्टी समर्थकों के साथ पदयात्रा करके नई दिल्ली विधानसभा में अपना पर्चा दाखिल किया। विशेष अवसर पर, उनकी पत्नी सुनीता केजरीवाल भी उनके साथ चल रही थीं। नामांकन देने के बाद केजरीवाल ने बीजेपी को भी घेर लिया।

पहले मंदिर देखो, फिर पैदल चल पहुंचे नामांकन केंद्र।

अरविंद केजरीवाल ने अपने एक्स हैंडल से पोस्ट किया, जिसमें उन्होंने अपने नामांकन भरने के बारे में बताया था। केजरीवाल ने अपने निर्धारित कार्यक्रम के हिसाब से पहले हनुमान मंदिर और फिर महर्षि बाल्मीकि मंदिर जाकर आशीर्वाद लिया। वह अपनी पत्नी सुनीता केजरीवाल, महिला समर्थकों और पार्टी के अन्य सदस्यों के साथ पैदल नामांकन केंद्र पहुंचे। इस दौरान सड़क पर भी बहुत भीड़ थी। अरविंद केजरीवाल ने लगभग दो किलोमीटर पैदल चलकर नई दिल्ली विधानसभा में अपना नामांकन भरा। इस दौरान उन्होंने दिल्ली के 2.5 करोड़ लोगों से भी अपील की कि वे उन्हें अपना आशीर्वाद दें ताकि वे फिर से सरकार बना सकें, बिजली पर काम कर सकें, स्कूल-अस्पताल बना सकें और महिलाओं को सम्मान राशि दे सकें।

केजरीवाल ने पहले से ही कार्यक्रम की घोषणा की थी

आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने अपने एक्स हैंडल पर एक पत्र में कहा कि वे आज अपना नामांकन भरेंगे। पूरे दिल्ली से मेरी बहुत सी मां बहनें मुझे आशीर्वाद देने के लिए मेरे साथ जाएंगी। नामांकन से पहले मैं बाल्मीकि और हनुमान मंदिर जाऊंगा और प्रभु का आशीर्वाद लेऊंगा। सीएम आतिशी ने कालकाजी सीट से अपना नामांकन दाखिल किया है। कांग्रेस की अल्का लांबा और भाजपा के रमेश बिधूड़ी उनके सामने हैं।

मैंसेजिंग देने की तैयारी भी करें

बीजेपी के लिए भी अरविंद केजरीवा का नामांकन भरने से पहले बाल्मीकि और हनुमान मंदिर जाना एक संदेश हो सकता है। हनुमान मंदिर जाने से पता चलता है कि केजरीवाल बीजेपी को उसी की पिच पर हराने की सोच रहे हैं। उन्होंने बुजुर्गों को मुफ्त चिकित्सा योजना और महिला सम्मान योजना के माध्यम से मध्यवर्ग को भारतीय जनता पार्टी से दूर करने का भी प्रयास किया है। केजरीवाल ने पिछली बार भी नई दिल्ली सीट से जीत हासिल की थी। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि इस बार युद्ध कांटे की हो सकती है।

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