Gemstone: रत्न ज्योतिष में बताया गया है कि हीरे धारण करने से कई लाभ मिलते हैं। ज्योतिषीय सलाह लेकर हीरा पहनने से आर्थिक समस्याएं दूर होती हैं, लेकिन हीरे में दोष हो सकते हैं, जो स्थिति को बदतर बना सकते हैं।
Gemstone: ज्योतिषियों का कहना है कि हीरा पहनने से व्यक्ति का शुक्र ग्रह मजबूत होता है। शुक्र ग्रह धन, वैभव और सुख-समृद्धि का प्रतीक है। यदि एक व्यक्ति की कुंडली में शुक्र ग्रह पाप ग्रह के रूप में रहता है, तो उसके जीवन में कई मुसीबत आ सकती हैं। ज्योतिषियों का कहना है कि शुक्र ग्रह की शांति के लिए हीरे की अंगूठी दान या धारण करना शुभ है। हीरा शुक्र को बहुत प्रिय है। हीरे की अंगूठी पहनने से पहले, हालांकि, एक ज्योतिषी से परामर्श लें। श्री पं. राधाकृष्ण पाराशर द्वारा लिखी गई पुस्तक “रत्नाविज्ञान” से हीरा धारण करने के नियम और दोषों को जानें।
हीरा कब पहनना चाहिए?
रत्न ज्योतिष के अनुसार, पौष महीने के शुक्रवार को रोहिणी नक्षत्र में कम से कम सवा रत्ती का अष्टकोणीय आकृति का हीरा पहनना शुभ होगा।
हीरे से जुड़े दोष
यवदोष: यवदोष एक हीरे का दाग है जो की आकृति की तरह लंबा है और बीच में कुध मोटा है। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार सफेद, लाल, पीले और काले यव वाले हीरे को पहनना अशुभ है। माना जाता है कि इससे आर्थिक समस्याएं बढ़ सकती हैं या जीवन में अन्य परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
तारदोष: तारदोष एक हीरे में अभ्रक के समान तार की जाल की आकृति है। तारदोषयुक्त हीरा पहनना मानसिक तनाव बढ़ा सकता है।
छलदोष: यदि हीरे कि किसी भी भाग से छाल उतर गया हो यानी जिस प्रकार अभ्रक से परत निकल जाती है, तो इसे छाल दोष कहा जाता है। मान्यता है कि इस तरह का हीरा पहनने से शारीरिक शक्ति का हास होता है।
खुरदरा दोष: खुरदरा दोष हीरे के किसी भी हिस्से को छूने से खुरदरा लगता है। इस रत्न को पहनने से जीवन में परेशानियां बढ़ सकती हैं।
गढ़ा दोष: यदि में किसी भी प्रकार से छोटो या बड़ा गढ़ा हो, तो इसे गढ़ा दोष कहते हैं। मान्यता है कि इस दोष से स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
इसके अलावा हीरे में बिंदू,मलिनता, टूटा-फूटा,वृत्ताकार, कोणों का छोटा-बड़ा होना, हीरे के अंदर छीटें जैसी बिंदू का होना हीरा रत्न में दोष माना गया है।