Swati Maliwal case: विवाद के बीच क्या स्वाति मालीवाल सांसद पद से इस्तीफा देंगे?

Swati Maliwal case: स्वाति मालीवाल के साथ हुए मारपीट मामले में अब आरोप-प्रत्यारोप का दौर बढ़ता जा रहा है। हाल ही में खबरें हैं कि स्वाति मालीवाल राज्यसभा सांसद पद से इस्तीफा दे सकती हैं। हालांकि स्वाति मालीवाल ने इसका भी जवाब दे दिया है।

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के पीए बिभव कुमार पर मारपीट का आरोप राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल ने लगाया है। आम आदमी पार्टी ने आरोप लगाए जाने के बाद से ही स्वाति मालीवाल पर अनेक आरोप लगाए हैं। इस बीच, स्वाती मालीवाल के राज्यसभा सांसद पद से इस्तीफा दे देंगी। यह भी चर्चा है कि आम आदमी पार्टी के अभिषेक मनु सिंघवी राज्यसभा में स्वाति मालीवाल की जगह ले सकते हैं अगर वे इस्तीफा देती हैं।

सांसद बने रहने की लालसा नहीं

एक इंटरव्यू में राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल से पूछा गया था, कि क्या वह राज्यसभा से इस्तीफा देंगी? स्वाति मालीवाल ने इस प्रश्न का जवाब देते हुए कहा, ‘मुझे सांसद बने रहने की कोई लालसा नहीं है। यदि वे प्यार से बोलते तो मैं हर समय रिजाइन कर देती, मुझे कोई समस्या नहीं है। मुझे नहीं लगता कि कोई पद में बंधी हूं। मुझे लगता है कि मैंने बहुत काम किया है और मैं काम बिना पद के भी कर सकती हूं।’

मेरा चरित्र हरण हो रहा है।

स्वाति मालीवाल ने कहा, “लेकिन जिस तरीके से उन्होंने मुझे मारा और पीटा है अब चाहे दुनिया की कोई शक्ति लग जाए मैं किसी भी हाल में रिजाइन नहीं करूंगी।” मुझे पता चल रहा है,मुझे बताया जा रहा है कि इसी कारण मेरा चरित्र हरण किया जा रहा है, इसलिए मैं बिल्कुल रिजाइन नहीं करूँगा। मैं संसदों में सबसे युवा सांसद हूँ, और मैं पूरी कोशिश करूंगी कि एक आइडियल सांसद बनकर दिखाऊँ।’

X पर पोस्ट कर लगाए गए आरोप

बता दें कि स्वाति मालीवाल ने एक पोस्ट में आम आदमी पार्टी पर आरोप लगाते हुए कहा, “मेरे कंप्लेंट फाइल करते ही नेताओं और वालंटियर की पूरी आर्मी मेरे पीछे लगाई गई, मुझे BJP का एजेंट बुलाया गया, मेरा चरित्र हरण कराया गया।” काट-पीट के वीडियो को लीक किया गया था। मेरा विक्टिम शेमिंग किया गया था। आरोपी को धोखा दिया गया, उसे अपराधस्थल पर वापस आने दिया गया और सबूतों को नष्ट कर दिया गया। मुख्यमंत्री साहब, जिसके ड्राइंग रूम में मुझे पीटा गया, अब कहते हैं कि इस मामले में निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। इससे बड़ी विडंबना क्या ही होगी। मैं इसे नहीं मानती। कथनी और करनी एक समान होनी चाहिये।’

 

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