भारत ने विश्व दूरसंचार और सूचना सोसायटी दिवस पर अपने अंतर्राष्ट्रीय सहभागिता का उत्सव मनाया

विश्व दूरसंचार और सूचना सोसायटी दिवस की पूर्व संध्या पर भारत गर्व से अपने नागरिकों को सशक्त बनाने और वैश्विक नेतृत्व प्रदान करने की अपनी असाधारण डिजिटल यात्रा का उत्सव मनाया।

हालिया वर्षों में भारतीय दूरसंचार क्षेत्र ने महत्वपूर्ण विकास को देखा है और एक परिवर्तनकारी युग के लिए मंच की स्थापना की है। भारत ने डेटा की अभूतपूर्व खपत, एक विशाल उपयोगकर्ता आधार और एक नीति-अनुकूल वातावरण से प्रेरित होकर इस उद्योग के विकास व स्टार्ट-अप नवाचार को बढ़ावा दिया है। आज भारत में 6 लाख से अधिक गांवों के साथ 4जी का कवरेज फुटप्रिंट का आंकड़ा 99 फीसदी और 5जी बीटीएस लगभग 4.42 लाख है।

इसके अलावा दूरसंचार विभाग (डीओटी) वैश्विक कनेक्टिविटी को बढ़ाने और डिजिटल नवाचार व बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में एक वैश्विक नेता के रूप में भारत की स्थिति सुनिश्चित करने के लिए एक विश्वस्तरीय दूरसंचार इकोसिस्टम के निर्माण को लेकर रणनीतिक अंतर्राष्ट्रीय भागीदारी व सहयोग स्थापित कर रहा है। दूरसंचार कूटनीति ने नए व्यापारिक उद्यमों को आकर्षित करने, वैश्विक नेताओं के साथ भागीदारी को बढ़ाने, घरेलू स्टार्टअप्स का पोषण करने, नवाचार को चलाने व वैश्विक दूरसंचार परिदृश्य में अपने नेतृत्व की स्थिति को प्राप्त करने को लेकर भारत की प्रतिबद्धता प्रदर्शित करने में सहायता की है। दूरसंचार कूटनीति परिणामों पर केंद्रित है और इसके कई सकारात्मक संकेत दिखाई दे रहे हैं।

साझेदार देशों और दूरसंचार चिप कंपनियों के साथ रणनीतिक साझेदारी:

भारत रणनीतिक साझेदारी बनाने के लिए भागीदार देशों, दूरसंचार चिप कंपनियों और तकनीकी दिग्गजों के साथ जुड़ा हुआ है। सितंबर, 2023 और जनवरी, 2024 में अमेरिका की यात्रा के दौरान विश्वसनीय आपूर्तिकर्ताओं के लिए ओपन आरएएन अपनाने व आपसी विश्वास को बढ़ावा देने के लिए ‘अमेरिका-भारत ओपनआरएएन एक्सेलेरेशन रोडमैप’ को औपचारिक रूप दिया गया था। व्यापार करने में सुगमता को बेहतर बनाने और उपयोगकर्ताओं में विश्वास उत्पन्न करने के लिए सुरक्षा ढांचे की पारस्परिक मान्यता पर चर्चा को काफी आगे बढ़ाया गया। क्वालकॉम जैसी तकनीकी कंपनियों के साथ साझेदारी के परिणामस्वरूप सी-डॉट के माध्यम से स्टार्टअप्स की चिप्स तक पहुंच के लिए समझौता ज्ञापन (एमओयू) को अंतिम रूप दिया गया। साथ ही, इंटेल और एएमडी के साथ इसी तरह के प्रयास भारतीय स्टार्टअप्स को मेंटरशिप प्रदान करेंगे। इसके अलावा फरवरी 2024 को मोबाइल वर्ल्ड कांग्रेस (एमडब्ल्यूसी) बार्सिलोना और अमेरिका की यात्रा के दौरान डेवलपिंग यूज केस के लिए 100 5जी प्रयोगशालाओं का समर्थन भी प्राप्त किया गया था।

सर्वोत्तम कार्यप्रणालियों का आदान-प्रदान:

अमेरिका के एफसीसी और एनएसएफ के साथ सहभागिता ने भारत को स्पेक्ट्रम आवंटन, सेवा आश्वासन की गुणवत्ता और भविष्य के तकनीकी अनुसंधान में अंतरराष्ट्रीय सर्वोत्तम अभ्यासों पर बातचीत शुरू करने में सक्षम बनाया है। एनएसएफ के आरआईएनजीएस कार्यक्रम में उद्योग, शिक्षा और सरकारी अनुसंधान व विकास के प्रभावी सहयोग को बढ़ाने की क्षमता है और यह एक अच्छा मॉडल है, जिसने समान रूप से भारतीय उद्योग के साथ चर्चा की है। इस पर प्रतिक्रिया उत्साहवर्धक रही है।

नए अवसर पैदा करना:

भारत ने सितंबर, 2023 में अमेरिका की यात्रा के दौरान सी-डॉट के समाधान, विशेष रूप से सेल प्रसारण और विश्व बैंक व मॉरीशस के लिए क्यूकेडी समाधान प्रदर्शित किए थे, जो अन्य देशों में इसके संभावित कार्यान्वयन का संकेत देते हैं।

दिसंबर, 2023 में दुबई में आयोजित विश्व रेडियो सम्मेलन के तहत भारत निम्नलिखित निर्णयों के माध्यम से अपने दूरसंचार और अंतरिक्ष क्षेत्रों के लिए लाभ सुरक्षित करने में सफल रहा:

•          आईएमटी के लिए 6 गीगाहर्ट्ज मिड-बैंड स्पेक्ट्रम का उपयोग साल 2027 के बाद करने पर बातचीत हुई।

* यह सुनिश्चित करना कि भारतीय नाविक- जीपीएस प्रणाली क्षेत्र के अन्य परिचालकों से सुरक्षित है।

* समुद्र/आकाश में पड़ोसी देशों की आईएमटी तैनाती से भारतीय रक्षा संचालन (4.8-4.94 गीगाहर्ट्ज) सुनिश्चित करना

* एचआईबीएस (उच्च ऊंचाई वाले आईएमटी बेस स्टेशन) की तैनाती को लेकर फ्रीक्वेंसी के लिए सहमति बनाना

•          भारत के लिए बेहतर अनुभव को लेकर नए उच्च फ्रीक्वेंसी बैंड्स में इनफ्लाइट इंटरनेट कनेक्टिविटी की अनुमति

दूरसंचार निर्यात में वृद्धि:

हालिया वर्षों में आयात और निर्यात के बीच अंतर कम हुआ है। 5जी से संबंधित अधिकतर मांगों को मेड इन इंडिया से पूरा किया जा रहा है। भारतीय कंपनियों ने पिछले साल 25,200 करोड़ रुपये के दूरसंचार उपकरण और सहायक उपकरण का निर्यात किया है। दूरसंचार विभाग ने हमारी घरेलू कंपनियों को सभी विदेशी मंचों पर अपने घरेलू उत्पादों को दिखाने में सहायता करने के लिए ठोस प्रयास किए हैं, जिससे इन उत्पादों का निर्यात किया जा सके।

हमारी कई घरेलू कंपनियां जैसे कि तेजस नेटवर्क, लेखा वायरलेस व वीवीडीएन, पीएलआई लाभार्थी व एस्ट्रोम, विसिग, सिग्नलचिप, जो डीसीआईएस लाभार्थी हैं, विभिन्न एमडब्ल्यूसी प्रतिनिधिमंडलों का हिस्सा थीं और वे नए सौदों के लिए अवसर उत्पन्न करने में सक्षम थीं। वर्जीनिया विश्वविद्यालय में विसिग ओआरएएन नेटवर्क का परीक्षण चल रहा है। वहीं, वीवीडीएन ने अमेरिका के 3 स्थानों- वर्मोंट, ऑस्टिन और न्यूयॉर्क में कार्यालय स्थापित किए हैं और पहले से ही सिस्को, मावेनियर और टेस्ला जैसे ग्राहकों को अपनी सेवा दे रही है। इसके अलावा एमडब्ल्यूसी अमेरिका व स्पेन में 31 स्टार्टअप्स ने हिस्सा लिया और लगभग 100 मिलियन अमेरिकी डॉलर की व्यापारिक संभावना को उत्पन्न किया

अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर भारत के हितों एवं नेतृत्व की स्थिति को सशक्त बनाना:

विश्व रेडियो सम्मेलन में भारत की सक्रिय भागीदारी के परिणामस्वरूप हवाई क्षेत्र और समुद्री इलाकों में राष्ट्रीय परिचालनों गतिविधियों के लिए अन्य देशों के आईएमटी कार्य प्रणालियों से भारतीय स्पेक्ट्रम की सुरक्षा सुनिश्चित हुई है और भविष्य में 5जी के व्यापक इस्तेमाल को वास्तविकता के धरातल पर उतारा गया है।

सचिव (टी) को 24 मार्च, 2024 को आईटीयू डिजिटल इनोवेशन बोर्ड के सह-अध्यक्ष के रूप में चुना गया था। इस उपलब्धि ने वैश्विक डिजिटल नवाचार को आकार देने में भारत की भूमिका को बढ़ाया है।

भागीदार देशों और आईटीयू व एपीटी जैसे अंतर्राष्ट्रीय निकायों के साथ भारत का सहयोग भारतीय दूरसंचार विकास के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे दूरसंचार क्षेत्र/कंपनी को प्रौद्योगिकी, पेटेंट, आईटीयू और एसईपी में योगदान से लाभ प्राप्त हो सकता है। भारत 6जी एलायंस के माध्यम से इंडिया एटीआईएस, यूएसए के नेक्स्टजी एलायंस और यूरोपियन यूनियन के 6जी स्मार्ट नेटवर्क तथा सर्विसेज इंडस्ट्री एसोसिएशन (6जी-आईए) के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर कर रहा है। इसका उद्देश्य 6जी वायरलेस प्रौद्योगिकियों पर सहयोग के अवसरों का पता लगाना, एक सामान्य 6जी दृष्टिकोण का सहयोग करना और सुरक्षित एवं विश्वसनीय दूरसंचार व्यवस्था के साथ-साथ मजबूत आपूर्ति श्रृंखला बनाने के लिए कार्य करना है।

भारत में विश्व दूरसंचार मानकीकरण सभा (डब्ल्यूटीएसए) पहली बार अक्टूबर, 2024 में आयोजित की जा रही है, जिसमें 180 देशों के 2000 से अधिक प्रतिनिधि भाग लेंगे और अगली पीढ़ी की दूरसंचार प्रणालियों हेतु मानकों के लिए भविष्य की दिशा तय करेंगे।

ट्रांसफॉर्मिंग इंडिया मोबाइल कांग्रेस (आईएमसी):

इंडिया मोबाइल कांग्रेस को 2025 तक मोबाइल वर्ल्ड कांग्रेस जैसा वैश्विक आयोजन बनाने के लिए महत्वपूर्ण प्रयास किए गए हैं, जिससे अंतर्राष्ट्रीय प्रतिभागियों और निवेशों को आकर्षित करके भारत की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा।

इंडिया मोबाइल कांग्रेस 2024 को पैन आईआईटी यूएसए, जीएसएमए, आईईईई और आईएनएसए के साथ सहयोग के फलस्वरूप विश्वस्तरीय उच्च प्रौद्योगिकी वाले दूरसंचार कार्यक्रम में व्यापक आधार मिला है।

विशिष्ट ज्ञान का दोहन:

दूरसंचार विभाग ने जनवरी, 2024 में अमेरिका की यात्रा के दौरान चयन एवं सलाह लेने हेतु भारत की परियोजनाओं के लिए आईआईटी के दूरसंचार विशेषज्ञों के साथ जुड़ने के उद्देश्य से पैन आईआईटी के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये थे।

इसके बाद फ्यूचर टेक एक्सपर्ट पोर्टल शुरू किया गया था, जो भारतीय प्रतिभाओं व शैक्षणिक एवं अनुसंधान सहयोग करने वालों को सलाह देने में विशेषज्ञ भागीदारी की सुविधा प्रदान करता है। इसमें अब 200 से अधिक पंजीकृत विशेषज्ञ हैं, जिनमें 72 आईआईटी से संबंधित हैं, 7 पैनआईआईटी से जुड़े हैं और 10 संयुक्त अरब अमीरात, अमेरिका, कनाडा तथा चेक गणराज्य जैसे देशों में रहते हैं।

शैक्षणिक और अनुसंधान सहयोग:

दूरसंचार विभाग ने अनुसंधान एवं विकास को बढ़ावा देने, नवाचार को विस्तृत बनाने और भारत के भीतर क्वांटम संचार में स्टार्टअप इकोसिस्टम को सशक्त बनाने के उद्देश्य से शिकागो विश्वविद्यालय के साथ क्वांटम नेटवर्क एंड क्वांटम टेलीपोर्टेशन में संभावित सहयोग की तलाश की है। इसके अलावा, अमेरिका और भारत के बीच भी एक क्वांटम टेलीपोर्टेशन लिंक की खोज की जा रही है।

इस तरह के अनेक आउटरीच प्रयास होने से भारत को अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर नेतृत्व की स्थिति में लाने, निर्यात में वृद्धि करने, उन्नत देशों के साथ सहयोग बढ़ाने, सर्वोत्तम कार्यप्रणालियों से सीखने और विश्वसनीय भागीदार देशों से मिलने वाले विशेष ज्ञान तक पहुंच बनाने में सफलताएं प्राप्त हुई हैं।

source: https://pib.gov.in

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