Jitiya Vrat 2024: जितिया व्रत को अलग धार्मिक मान्यता मिलती है। माताएं इस व्रत को संतान की सुरक्षा और सेहत को बनाए रखने के लिए करती हैं।
Jitiya Vrat 2020: हिन्दू पंचांग के अनुसार, आश्विन मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर जितिया व्रत रखा जाता है। यह व्रत मानते हैं कि मां अपनी संतान की लंबी उम्र, स्वास्थ्य और सुरक्षा रखती है। इस व्रत को जीवित्पुत्रिका व्रत भी कहते हैं। जितिया व्रत पर मान्यतानुसार गंधर्व राजा जीमूतवाहन की पूजा की जाती है। यह व्रत बिहार, उत्तर प्रदेश और झारखंड में अधिकतर किया जाता है। ऐसे में जानिए कि इस वर्ष जितिया व्रत किस दिन पड़ रहा है और पूजा कैसे की जा सकती है।
जितिया व्रत कब है
24 सितंबर, मंगलवार को आश्विन मास की अष्टमी तिथि शुरू होगी और 25 सितंबर, बुधवार को दोपहर 12 बजकर 10 मिनट पर समाप्त होगी। ऐसे में, उदया तिथि से पहले 25 सितंबर, बुधवार को जितिया व्रत की पूजा की जाएगी। महिलाएं इस दिन निर्जला व्रत रखती हैं।
जितिया व्रत का शुभ समय
सूर्यास्त के बाद जितिया व्रत की पूजा की जाती है। 25 सितंबर को व्रत का लाभ-उन्नति मुहूर्त सुबह 6 बजकर 11 मिनट से सुबह 7 बजकर 41 मिनट तक है। सुबह 7 बजकर 41 मिनट से 9 बजकर 12 मिनट तक पूजा करने का सबसे अच्छा मुहूर्त है। इन शुभ मुहूर्तों में पूजा की जा सकती है।
जितिया व्रत की पूजा की प्रक्रिया
सुबह स्नान करके भगवान जीमूतवाहन का ध्यान करके व्रत करते हैं। सूर्यनारायण भगवान को स्नान कराया जाता है। कुशा से बनाई गई भगवान जीमूतवाहन की प्रतिमा पर पुष्प, चावल और धूप अर्पित किए जाते हैं। चील और सियारिन को मिट्टी और गाय के गोबर से बनाया जाता है। सूर्यनारायण भी पूजे जाते हैं। विधि-विधान से भगवान जीमूतवाहन की पूजा करने के बाद जितिया व्रत की कथा पढ़ी जाती है और आरती गाने के बाद भोग लगाकर पूजा का समापन होता है.
जितिया व्रत का पारण कब किया जाएगा?
अगले दिन जितिया व्रत का पारण होता है। 25 सितंबर को जितिया व्रत होगा इसके बाद 26 सितंबर, गुरुवार को व्रत का पारण होगा। सूर्योदय के बाद छह बजकर बारह मिनट पर व्रत पारण का शुभ मुहूर्त होगा।