Mahadev puja: भगवान शिव का पंचाक्षरी शिव मंत्र प्रकृति के पांचों तत्वों पर नियंत्रण रखने की शक्ति देता है
Mahadev puja: भगवान शिव का पंचाक्षरी शिव मंत्र प्रकृति के पांचों तत्वों पर नियंत्रण रखने की शक्ति देता है। “ओम् नम: शिवाय” में “न” पृथ्वी, “म” जल, “शि” अग्नि, “वा” प्राण और “य” आकाश को बताते हैं। शिव पुराण के अनुसार, भगवान शिव ने माता पार्वती को इस मंत्र के बारे में खुद बताया कि यह कलयुग में सभी पापों और कष्टों को हर लेगा। लेकिन इस मंत्र का जाप करने से पहले आपको किसी गुरु से गुरुदीक्षा लेनी चाहिए. ओम नमः शिवाय एक वैदिक मंत्र है, इसलिए इसे पहले किसी गुरु से लेना चाहिए। यह मंत्र किसी गुरु से नहीं प्राप्त हुआ है तो इसका जाप आपको बुरा प्रभाव भी दे सकता है। महादेव को शीघ्र प्रसन्न करने के लिए अन्य कई मंत्र हैं जिन्हें आप जाप कर सकते हैं।
शिव जी से जुड़े कुछ अतिरिक्त मंत्र:
1. शिवलिंग पर जल चढ़ाते समय श्रीभगवते साम्बशिवाय नमः कहा जाना चाहिए। “स्नानीयं जलं समर्पयामि” मंत्र का जाप करना चाहिए।
2. “ओम् तत्पुरुषाय विद्महे, महादेवाय धीमहि, तन्नो रूद्र प्रचोदयात्” शिवजी का गायत्री मंत्र है।
3. माना जाता है कि सोमवार को पूजा करते समय नामावली मंत्रों का जाप करना अधिक लाभदायक होता है।
भगवान शिव अपने भक्तों से तुरंत प्रसन्न होते हैं। उन्हें भांग, धतुरा, आक के फूल, शमी के पत्ते और बेल पत्र चढ़ाना चाहिए। लेकिन भोले बाबा को जल चढ़ाकर भी प्रसन्न कर सकते हैं। ओम् नम: शिवाय: पंचाक्षरी शिव मंत्र का जाप भी बहुत महत्वपूर्ण है। इस मंत्र को जाप करने से मोक्ष मिलता है। लेकिन इस मंत्र को ठीक से जाप करना चाहिए। इस मंत्र का जाप पुरुष और स्त्री दोनों के लिए अलग है। इस मंत्र का जाप महाशिवपुराण में विस्तार से बताया गया है। हम पंचाक्षरी शिव मंत्र “ओम् नम: शिवाय” के जाप के नियमों और महत्व को जानते हैं।
ओम् नमः शिवाय मंत्र: धार्मिक विचारों के अनुसार, महिलाओं को ओम् नमः शिवाय का जाप नहीं करना चाहिए।महिलाओं को ओम् नमः शिवाय के बजाय ओम् शिवाय नमः कहना चाहिए। महिलाओं को ओम् नम: शिवाय मंत्र का जाप करते समय पंचाक्षर से शुरू करके षडाक्षर तक जाना चाहिए।रुद्राक्ष की माला से ओम् नमः शिवाय मंत्र जाप किया जाता है।“ओम् पार्वतीपतये नमः” शिवजी का मंत्र महिलाओं के लिए है। स्कन्दपुराण में कहा गया है कि ‘ओम् नमः शिवाय’ महामंत्र मोक्ष देता है।