Prabhash Kumar: उक्त विचार Hotel Regenta Confrence Hall, Lucknow में आयोजित त्रिदिवसीय कार्यशाला के शुभारम्भ के अवसर पर व्यक्त किये
Prabhash Kumar: लघु सिंचाई योजनाओं, जल निकायों एवं मध्यम व वृहद सिंचाई योजनाओं आदि की संगणना प्रदेश के लिए अति महत्वपूर्ण है। उ0प्र0 सहित उत्तराखण्ड, दिल्ली, मध्य प्रदेश व छत्तीसगढ़ से आये प्रतिभागियों को सम्बोधित करते हुये मुख्य अतिथि ने कहा कि वर्ष 2022-23 को आधार मानकर की जाने वाली संगणना पूर्ण शुद्धता के साथ की जानी आवश्यक है, जिससे कि विभिन्न संबंधित विभागों द्वारा इसका उपयोग नवीन परियोजनाओं में किया जा सके एवं प्रदेश की कृषि उत्पादकता में वृद्धि हो सके। उक्त विचार Hotel Regenta Confrence Hall, Lucknow में आयोजित त्रिदिवसीय कार्यशाला के शुभारम्भ के अवसर पर विशेष सचिव, नमामि गंगे एवं ग्रामीण जलापूर्ति विभाग (लघु सिंचाई), श्री प्रभाष कुमार ने व्यक्त किये। उन्होंने बताया कि लघु सिंचाई योजनाओं की 7 वीं संगणना एवं जल निकायों की द्वितीय संगणना लघु सिंचाई विभाग द्वारा की जानी है, जबकि वृहद व मध्यम सिंचाई योजनाओं तथा स्प्रिंग संगणना का कार्य सिंचाई विभाग द्वारा सम्पन्न कराया जाना है। अपर महानिदेशक, जल संसाधन मंत्रालय, भारत सरकार श्री अजय बक्शी द्वारा प्रस्तावित संगणना की प्रक्रिया पर विस्तृत प्रकाश डालते हुये बताया कि उक्त संगणना कार्य मोबाईल एप्लीकेशन के माध्यम से किया जायेगा एवं उक्त कार्य 06 माह के अन्दर पूर्ण किया जायेगा।
उप महानिदेशक, जल संसाधन मंत्रालय, भारत सरकार, प्रियंका कुलश्रेष्ठ ने संगणना की महत्ता पर विचार व्यक्त करते हुये पूर्व में की गयी संगणना के अनुभव पर विशेष ध्यान दिये जाने पर बल दिया। उन्होंने बताया कि संगणना कार्य को समय से पूर्ण किया जाना हमारी विशेष प्राथमिकता है। सिंचाई विभाग के मुख्य अभियन्ता श्री एस0पी0 सिंह ने बताया कि मध्यम और वृहद सिंचाई योजनाओं की संगणना सिंचाई विभाग द्वारा की जानी है। यह आवश्यक है कि संगणना के समय कार्मिकों द्वारा संगणना के साथ-साथ जल के दुरूपयोग को रोकने एवं जल संरक्षण को बढ़ाने हेतु जन जागरूकता भी पैदा की जाय।
मुख्य अभियन्ता, लघु सिंचाई विभाग एवं संगणना आयुक्त श्री रमाकान्त तिवारी ने पूर्व में की गयी संगणनाओं पर प्रकाश डालते हुये लघु सिंचाई योजनाओं की 7 वीं संगणना के गुणवत्तापरक होने एवं समय से संगणना कार्य किये जाने पर बल दिया गया, जिससे कि सिंचन क्षेत्र में उन आंकड़ों का उपयोग करते हुये प्रदेश के किसानों को और भी अधिक लाभ प्रदान किया जा सके।
उक्त त्रिदिवसीय कार्यशाला में आये आगन्तुकों का स्वागत उप निदेशक, सांख्यिकीय सेल, सुवेन्द्र कुमार द्वारा किया गया। मंच का संचालन एस0पी0 श्रीवास्तव, सांख्यिकीय तकनीकी सहायक एवं धन्यवाद ज्ञापन सी0के0 चौधरी, निदेशक, लघु सिंचाई एवं जल प्रयोग, प्रशिक्षण केन्द्र द्वारा किया गया। कार्यक्रम में लघु सिंचाई विभाग, सिंचाई विभाग, केन्द्रीय भूजल बोर्ड, भारत सरकार सहित अन्य प्रदेशों
के अधिकारी व प्रतिभागीगण उपस्थित रहे।
source: http://up.gov.in