राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने पंजाब विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में भाग लिया

राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने पंजाब विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में आज भाग लिया।

राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने इस अवसर पर  कहा कि पिछले 140 वर्षों में पंजाब विश्वविद्यालय एक महत्वपूर्ण उच्च शिक्षा संस्थान बन गया है। इस विश्वविद्यालय ने सांस्कृतिक, शैक्षणिक, खेल और शोध क्षेत्रों में अपनी अलग पहचान बनाई है। उन्हें पता चला कि इस विश्वविद्यालय ने 17 बार मौलाना अबुल कलाम आज़ाद ट्रॉफी जीती है, जिससे वे प्रसन्न हो गए। उन्हें लगता था कि यह विश्वविद्यालय के एथलीटों की लगन और समर्पण का प्रमाण है। 2024 के पेरिस ओलंपिक में विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों मनु भाकर और सरबजोत सिंह ने पदक जीतकर देश को गौरवान्वित किया है।

राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने पंजाब विश्वविद्यालय को उद्योग-शिक्षा संबंधों को बढ़ावा देने के लिए प्रशंसा की। उन्होंने विश्वविद्यालयों की नीति बनाने वालों से विश्वविद्यालय-उद्योग संबंधों और भविष्य की योजनाओं पर अधिक काम करने की अपील की। उनका कहना था कि विश्वविद्यालयों में पाठ्यक्रम अनुप्रयोग आधारित होना चाहिए। विद्यार्थियों को अपनी जीवन यात्रा में शिक्षा मिलनी चाहिए। राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने कहा कि आने वाला समय चुनौतीपूर्ण होगा और प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी। यही कारण है कि चुनौतियों का सामना करने में सक्षम होने के लिए हर विद्यार्थी सक्षम होना चाहिए। सफलता के लिए नवीन प्रौद्योगिकियों का ज्ञान प्राप्त करना और उनका निरंतर विकास करते हुए उचित उपयोग करना आवश्यक होगा।

राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने विद्यार्थियों को बताया कि उन्हें इस प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय में पढ़ने का अवसर मिलना गर्व की बात है। इस विश्वविद्यालय ने राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और नोबेल पुरस्कार विजेता से लेकर कई क्षेत्रों में उत्कृष्ट योगदान दिए हैं। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि वे इस विरासत को आगे बढ़ाएंगे। राष् ट्रपति ने विद्यार्थियों को बताया कि वे अपने प्रयासों और दूरदर्शी सोच के माध्यम से समाज, देश और दुनिया में अपने सपनों को साकार कर सकते हैं।

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