राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु से भारतीय राजस्व सेवा के 78वें बैच के अधिकारी प्रशिक्षुओं ने मुलाकात की।
राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु से भारतीय राजस्व सेवा के 78वें बैच के अधिकारी प्रशिक्षुओं ने मुलाकात की। इस अवसर पर अधिकारियों को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि शासन और कल्याण में भारतीय राजस्व सेवा के अधिकारियों का काम सबसे महत्वपूर्ण है। उनका कहना था कि कर एक जीवंत अर्थव्यवस्था के लिए आवश्यक है। उनका कहना था कि भारतीय राजस्व सेवा के अधिकारी निष्पक्ष, प्रभावी और पारदर्शी ढंग से इस आवश्यक संसाधन को एकत्र करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने कहा कि हमारा बुनियादी ढांचा बढ़ रहा है, डिजिटल कनेक्टिविटी बढ़ रही है और पहले से कहीं अधिक आर्थिक अवसर मिल रहे हैं। उन्होंने कहा कि विकास को स्थायी और समावेशी बनाने के लिए संसाधनों का प्रबंधन निष्पक्ष और दक्ष होना चाहिए, जिससे लोगों को व्यवस्था पर भरोसा होना चाहिए। उनका कहना था कि उनकी भूमिका महत्वपूर्ण है क्योंकि वे इस प्रक्रिया को नियंत्रित करेंगे ताकि हर कोई अपनी क्षमता के अनुसार योगदान दे और उसे सम्मान और गरिमा से व्यवहार किया जाए।
राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने कहा कि बदलते समय, बढ़ती अपेक्षाओं और सरकारी पहलों ने सुविधा, पारदर्शिता और दक्षता का एक नया युग शुरू किया है। इस बदलाव का मूल डिजिटल तकनीक है। उन्हें खुशी हुई कि आयकर विभाग उल्लेखनीय सटीकता के साथ विसंगतियों का पता लगाने के लिए उन्नत डेटा विश्लेषणों का उपयोग करता है, जो सुनिश्चित करता है कि ईमानदार करदाताओं को असुविधा नहीं होगी। उन्होंने अधिकारियों को याद दिलाने की सलाह दी कि मानवीय मूल्यों की जगह तकनीक सिर्फ एक उपकरण है। उनका कहना था कि डेटा-संचालित प्रणालियां दक्षता बढ़ा सकती हैं, लेकिन वे कभी भी अखंडता और सहानुभूति को नहीं बदल सकतीं। उन्होंने अधिकारियों को बताया कि सभी का उत्थान होना चाहिए, खासकर वंचितों और कमजोर वर्गों का।
राष्ट्रीय प्रत्यक्ष कर अकादमी (NDCT) नागपुर में प्रारंभिक प्रशिक्षण भारतीय राजस्व सेवा के 78वें बैच के अधिकारी प्रशिक्षुओं, जिनमें रॉयल भूटान सेवा के दो अधिकारी प्रशिक्षु भी शामिल हैं।
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