साइबर अपराधी ने एक चिकित्सक को फोन कर डराया। कहा कि आप विदेश में ड्रग्स बेच रहे हैं। मुंबई क्राइम ब्रांच में तत्काल रिपोर्ट करो। पीड़ित ने दावा किया कि वह कोई नशाखोरी नहीं था। इस पर ठगों ने झूठ बोलना शुरू किया और ३१ लाख रुपये से अधिक की ठगी की। सेक्टर-17 साइबर थाना अब मामले को जांच कर रहा है।
डॉ. प्रमोद कुमार अरोड़ा, सेक्टर-37 निवासी, ने बताया कि सात जनवरी दोपहर करीब डेढ़ बजे उनके मोबाइल पर एक फोन आया था। फोन करने वाले व्यक्ति ने खुद को एक कुरियर कंपनी का कर्मचारी बताया और बताया कि आपके आधार कार्ड पर 200 ग्राम नशीला पदार्थ ताइवान भेजा गया है। यदि आपका पार्सल नहीं है, तो आप क्राइम ब्रांच मुंबई में जाकर रिपोर्ट करें। यदि आप मुंबई नहीं जा सकते हैं, तो आपको क्राइम ब्रांच मुंबई से फोन करना होगा।
सब बैंक खातों की जानकारी और आधार कार्ड भेजे
पीड़ित ने बताया कि एक अन्य व्यक्ति ने उसी समय कॉन्फ्रेंस कॉल पर बात की। उस व्यक्ति ने खुद को क्राइम ब्रांच का सब-इंस्पेक्टर बताया और बताया कि ऑफिस में उनके उच्च अधिकारी नहीं हैं। आठ जनवरी को फिर से उसी नंबर से फोन आया और बताया कि मैं आपकी बात मुंबई के क्राइम ब्रांच से करवा रहा हूँ। अब उसने अपना नाम बल सिंह बताया। उसने कहा कि वह मुंबई से क्राइम ब्रांच का डिप्टी कमिश्नर है। इस मामले की जांच उनकी टीम करेगी। उनका आईकार्ड और पुलिस से जुड़े कागजात वट्सऐप पर भेजे गए।
पीड़ित व्यक्ति के बैंक खातों की जानकारी मांगी। उन्हें बताया गया कि उनके खातों की जांच की जाएगी, ताकि पता चल सके कि ड्रग्स बेचने वाले गिरोह ने उनमें पैसे भेजे हैं या नहीं। पीड़ित ने इस पर अपने बैंक खातों की सभी जानकारी और आधार कार्ड भेजे।