Ratan Tata Asam Plan: हिमंत बिस्वा सरमा को खुशी हुई कि रतन टाटा ने असम पर क्या योजना बताई?

Ratan Tata Asam Plan: महान उद्योगपति रतन टाटा ने असम के बारे में बहुत कुछ कहा है। उन् होंने कहा कि इस देश की अंतरराष्ट्रीय पहचान होगी। 27,000 करोड़ रुपये के निवेश से टाटा समूह असम में सेमीकंडक्टर प्लांट लगा रहा है। टाटा का मानना है कि इस कदम से असम की विश्वव्यापी प्रतिष्ठा बढ़ेगी। पूरे राज्य में पहले ही कई कैंसर अस्पताल बनाए गए हैं। ये स्वास्थ्य सेवा को विकसित करने के प्रति उसकी प्रतिबद्धता को दिखाता है।

Ratan Tata Asam Plan:“असम में किया जा रहा निवेश राज्य को कैंसर देखभाल के लिए बड़े हब में बदलता है”, रतन टाटा ने बुधवार को अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर पोस्ट किया। आज, राज्य सरकार के साथ टाटा ग्रुप की साझेदारी से असम को सोफेस्टिकेटेड सेमिकंडक् टर का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बनाया जाएगा।रतन टाटा ने हिमंत बिस्वा सरमा और टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन की फोटो अपने साथ शेयर कीं।

कई कैंसर अस्पताल ग्रुप बना चुके हैं

रतन टाटा का कहना है कि असम में सेमीकंडक्टर निर्माण वैश्विक ध्यान आकर्षित कर रहा है। ग्रुप जगिरोड में 27,000 करोड़ रुपये का निवेश कर रहा है। टाटा समूह और असम सरकार के बीच सहयोग का लक्ष्य देश को अत्याधुनिक सेमीकंडक्टर प्रौद्योगिकी में लीडर बनाना है।

असम सरकार के सहयोग से टाटा ने पहले ही राज्य में कई कैंसर देखभाल अस्पताल बनाए हैं। रतन टाटा ने कहा कि यह नवाचार असम को विश्वस्तरीय बनाएगा। उन् होंने असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा को उनके मार्गदर्शन और सहयोग के लिए धन्यवाद दिया। भी कहा कि उनके सहयोग के बिना यह काम संभव नहीं था।

टाटा प्लांट में कितनी च‍िप्‍स होंगी?

केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मंगलवार को कहा था कि दिसंबर 2024 तक भारत में पहली चिप बनाई जाएगी। 1962 में हमने इसका पहला प्रयास किया था। लेकिन सही नीति और दृढ़ विश्वास होने पर ऐसा नहीं हो सकता। PM मोदी का दृढ़ विश्वास है कि विकसित भारत में इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादन की जरूरत है।

TSAT (टाटा सेमीकंडक्टर असेंबली एंड टेस्ट प्राइवेट लिमिटेड) असम के मोरिगांव में एक सेमीकंडक्टर इकाई बनाएगा। इसकी दैनिक उत्पादन क्षमता 4.8 करोड़ चिप्स होगी। 27,000 करोड़ रुपये की लागत वाली यह सुविधा मोबाइल फोन, उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स, दूरसंचार, इलेक्ट्रिक वाहन और ऑटोमोटिव क्षेत्रों की मांगों को पूरा करेगी।

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