मान सरकार ने कामचोरी पर सख्त निर्देश जारी किए
पंजाब की भगवंत सिंह मान ने लापरवाही करने वाले कर्मचारियों के खिलाफ लगातार सख्त कार्रवाई की है। राज्य के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने सभी कर्मचारियों को पूरी तरह से ईमानदारी से काम करने के निर्देश दिए हैं। लेकिन इसके बाद भी लापरवाही करने वाले अफसरों या कर्मचारियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाती है। साथ ही, राज्य सरकार के वित्त विभाग ने नए निर्देश जारी किए हैं जो सरकारी कर्मचारियों की अनधिकृत गैरहाजिरी को कठोर करते हैं। मान सरकार ने स्पष्ट किया है कि अगर कोई कर्मचारी एक वर्ष तक बिना अनुमोदन के काम से अनुपस्थित रहता है, तो वह स्वतः इस्तीफा घोषित होगा और उसे फिर से सरकारी सेवा में नहीं लिया जाएगा।
पंजाब वित्त विभाग ने सभी विभागों, सभी डिवीजन कमिश्नरों, जिला और सत्र न्यायाधीशों, डिप्टी कमिश्नरों और दूसरे प्रशासनिक अधिकारियों को यह निर्देश भेजा है। पंजाब वित्त विभाग का कहना है कि कई सरकारी कर्मचारी बिना उचित अनुमति के काफी समय तक अपनी नौकरी से गायब रहते हैं, जिससे सरकारी कामकाज में समस्या पैदा होती है। यह भी देखा गया है कि कई विभाग ऐसे कर्मचारियों के विरुद्ध समय पर कार्रवाई नहीं कर रहे हैं और कुछ अधिकारी अपनी मर्जी से बिना स्वीकृति के गैरहाजिर कर्मचारियों को फिर से जॉइन करवा रहे हैं।
अब वित्त विभाग ने सभी विभागों को निर्देश दिए हैं कि वे सुनिश्चित करें कि कोई भी कर्मचारी बिना अनुमति के लंबे समय तक अनुपस्थित नहीं रहेगा। जब कोई कर्मचारी गैरकानूनी रूप से अनुपस्थित होता है, तो उसके खिलाफ तुरंत कार्रवाई की जाएगी, और अधिकारियों को इसे नजरअंदाज करना भी होगा। मान सरकार ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए साफ कर दिया कि लापरवाही किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सरकारी कार्यप्रणाली में नियंत्रण बनाए रखने और सरकारी सेवाओं को बेहतर ढंग से संचालित करने के लिए वित्त विभाग ने यह कदम उठाया है।
अनधिकृत गैरहाजिरी का कार्यकाल समाप्त होगा
वित्त विभाग ने एक पत्र जारी किया है जो कहता है कि अगर कोई सरकारी कर्मचारी या अधिकारी एक साल तक बिना स्वीकृत अवकाश के काम पर नहीं आता, तो उनकी सेवा स्वतः समाप्त हो जाएगी। इस अवधि के समाप्त होने पर उसे सेवा में वापस नहीं लिया जाएगा, और उसे सरकारी सेवा से छुट्टी देने का आदेश संबंधित अधिकारी को भेजा जाएगा।
पंजाब सरकार के वित्त विभाग के अनुसार, अगर कोई कर्मचारी या अधिकारी अपनी स्वीकृत छुट्टी समाप्त होने के बाद कार्यस्थल पर नहीं आता है और फिर से अपनी हाजिरी रिपोर्ट देता है, तो यह सिर्फ प्रशासनिक विभाग और वित्त विभाग से स्वीकृत होगा।
बिना अनुमति के ड्यूटी जॉइन करने पर कठोर कार्रवाई होगी
यदि विभाग प्रमुख या अधिकारी बिना उच्च स्तर की अनुमति के किसी गैरहाजिर कर्मचारी को काम पर वापस लेता है, तो अधिकारी व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार होगा। ऐसे परिस्थितियों में, कर्मचारी की सैलरी और अन्य आर्थिक लाभ संबंधित अधिकारी से भुगतान किए जाएंगे। इसके अलावा, पंजाब सिविल सेवा (दंड और अपील) नियम 1970 के तहत कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी अगर कोई अधिकारी अपने स्तर पर गैरहाजिर कर्मचारी को काम करने की अनुमति देता है।
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