ये हरे पत्ते चबाने चाहिए जब शुगर बढ़ता है, इससे डायबिटीज खत्म हो जाएगा और बार-बार पेशाब नहीं आएगा।

डायबिटीज विश्व भर में फैल चुकी है। डायबिटिक लोगों की संख्या स्वस्थ लोगों से अधिक होगी अगर इसे नियंत्रित नहीं किया गया। World Health Organization के अनुसार, 126 mg/dL से अधिक फास्टिंग ब्लड शुगर डायबिटीज का संकेत है।

डायबिटीज से पीड़ित लोगों को कुछ लक्षणों पर ध्यान देना चाहिए जो खतरनाक स्थिति को जन्म दे सकते हैं। रात में बार-बार पेशाब आना, चक्कर आना, पसीना आना, तेज धड़कन या नजर धुंधली होने पर डॉक्टर से तुरंत संपर्क करना चाहिए।

डायबिटीज में प्राकृतिक उपचार बहुत प्रभावी है। क्योंकि यह बीमारी के मूल में काम करता है और मरीज को पूरी तरह आराम देता है पपीते के पत्तों से ब्लड शुगर और इसके लक्षणों को नियंत्रित कर सकते हैं।

चबाएं पपीते के पत्ते: पपीते के पत्तों में देखा गया है कि ब्लड शुगर को कम करते हैं, इसलिए यह हाइपोग्लाइसेमिक है। एनसीबीआई पर मौजूद शोध (ref.) यह कहता है। इसका रस चूसकर फास्टिंग और रैंडम ब्लड शुगर को नियंत्रित कर सकते हैं।

पपीते के पत्ते कैसे खाए जा सकते हैं?

पपीते के पत्तों को सीधे चबाने के अलावा आप दो और काम कर सकते हैं।

पत्तियों को उबालकर काढ़ा पीएं।

पत्तियों को पीसकर उनका रस पी जाएं।

टाइप 2 मधुमेह के घरेलू उपचार: शरीर में इंसुलिन का अनियंत्रित या बेअसर होना भी टाइप-2 डायबिटीज का घरेलू उपचार नहीं होगा। लेकिन पपीते के पत्ते में ऐसे गुण हैं जो पैंक्रियाज सेल्स को नष्ट होने से बचाते हैं। यही सेल्स इंसुलिन बनाने में मदद करते हैं और शुगर कम करने में भी मदद करते हैं।

कैंसर में भी लाभदायक?

आजकल हम टॉक्सिन से अधिक संपर्क में रहते हैं, जिससे डायबिटीज और कैंसर का खतरा बढ़ गया है। यह जानने के लिए कि पपीते के पत्ते कैंसर का खतरा भी कम कर सकते हैं, कुछ फायदे भी देखे गए हैं।

डायबिटीज के ये लक्षण भी खत्म हो जाते हैं।

खून में शुगर की मात्रा बढ़ने से बालों और त्वचा की सुरक्षा भी प्रभावित होती है। लेकिन इन पत्तों में घावों और जख्मों को जल्दी ठीक करने की क्षमता है। स्किन दागों को कम करता है और बालों की उम्र बढ़ने लगती है।

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