गुरुवार को श्रीनगर जिले के करफली मोहल्ला शाल कदल इलाके में आतंकवादी गोलीबारी में मारे गए युवक अमृतपाल सिंह का शव अमृतसर के चमियारी लाया गया। मृत शरीर को देखते ही परिवार में कोहराम मच गया। दूसरे युवा रोहित का शव अभी भी वहीं नहीं लाया गया है।
बुधवार को श्रीनगर में आतंकियों ने शब ए मेहराज के पाक अवसर पर नापाक हरकत की है। मरने वाले दोनों युवा अमृतसर के अजनाला से थे और श्रीनगर में काम करने गए थे। इस वर्ष कश्मीर में गैर प्रवासियों पर आतंकियों का पहला हमला हुआ है। पिछले साल अनंतनाग और शोपियां में स्थानीय लोगों पर हमले हुए थे।
गुरुवार को श्रीनगर जिले के करफली मोहल्ला शाल कदल इलाके में आतंकवादी गोलीबारी में मारे गए युवक अमृतपाल सिंह का शव अमृतसर के चमियारी लाया गया। मृत शरीर को देखते ही परिवार में कोहराम मच गया। दूसरे युवा रोहित का शव अभी भी वहीं नहीं लाया गया है।
बुधवार शाम को आतंकियों ने अमृतपाल सिंह और उसके साथी रोहित पर लगभग एके 47 राइफल से गोली मार दी। रोहित की जान अस्पताल में चली गई, जबकि अमृतपाल मौके पर ही मर गया। दो युवकों की मौत से पूरे पंजाब में शोक था।
गुरदासपुर के ठेकेदार की सलाह पर श्रीनगर गए
31 वर्ष का अमृतपाल कारपेंटर था और श्रीनगर में काम करने गया था। रोहित मसीह, जो 25 साल का था, वहीं पेंट का काम करता था। गुरदासपुर के ठेकेदार ने उन दोनों को श्रीनगर भेजा था।
अमृतपाल पहले भी श्रीनगर में काम कर चुका था
रोहित और अमृतपाल बचपन से दोस्त थे। जानकारी के अनुसार, अमृतपाल श्रीनगर में पहले भी चित्रकार था। इस बार वह रोहित को हेल्पर के रूप में ले गया था। बुधवार देर रात दोनों की मौत की सूचना मिलते ही परिवारों में शोर मच गया।
मारे गए सात भाई बहनों में सबसे छोटा था अमृतपाल। रोहित की छोटी बहन ग्यारहवीं में पढ़ती है, और वह बारहवीं तक पढ़ने के बाद घर पर काम करने लगा।