UP news: यूपी में प्रधानमंत्री आवास योजना के नियमों में बदलाव, अब नए घरों को केवल इनके नाम से मान्यता दी जाएगी

UP news: मुख्यमंत्री आवास योजना और पीएम आवास योजना के नियमों में परिवर्तन किया गया है। डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने महिलाओं को आवास देने का आदेश दिया है।

UP news: उत्तर प्रदेश में सरकारी योजना के तहत मिलने वाले आवास नियमों में बहुत बदलाव हुआ है। यूपी के प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) और मुख्यमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के नियमों में व्यापक परिवर्तन हुआ है। महिला सशक्तिकरण और मिशन शक्ति अभियान को ध्यान में रखते हुए उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि अपरिहार्य परिस्थितियों को छोड़कर प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) और मुख्यमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत दिए जाने वाले आवास केवल महिला मुखिया के नाम पर दिए जाएं। पुरुष मुखिया के नाम के साथ स्वीकृत आवास की महिला मुखिया का नाम भी जोड़ा जाएगा।

डिप्टी सीएम ने कहा कि अनिवार्य परिस्थितियों को छोड़कर, प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) और मुख्यमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत पक्के आवास केवल महिला मुखिया के नाम पर दिए जाएंगे। महिला मुखिया के नाम पर आवास की अनुमति देने का उद्देश्य है कि वे स्वामित्व का अनुभव कर सकें और समाज की मुख्यधारा से जुड़ सकें। यह भी कहा कि महिला मुखिया का नाम स्वीकृत आवास में पुरुष के नाम से जोड़ा जाए। केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि घर के सामने सहजन का पेड़ लगाने, सोलर लाइट लगाने के लिए योजना बनाई जाए। लाभार्थियों के सर्वे को 31 मार्च तक पूरा करना अनिवार्य है।

ग्राम चौपाल हर शुक्रवार को होती है

उपमुख्यमंत्री ने कहा है कि प्रत्येक विकासखंड की दो ग्राम पंचायतों में हर शुक्रवार को नियमित रूप से ग्राम चौपालों का आयोजन किया जाए। यह कहते हुए कि सरकार स्वयं गांवों और गरीबों को देख रही है। ग्राम चौपालों के आयोजन से लोगों को अपनी समस्याओं के लिए बाहर नहीं जाना पड़ रहा है; वे अपनी समस्याओं को गांव में ही हल कर रहे हैं। ग्राम्य विकास विभाग के आयुक्त जीएस प्रियदर्शी ने बताया कि एक वर्ष में एक लाख 24 हजार से अधिक चौपाल लगाई गई हैं। जिनमें चार लाख 67 हजार से अधिक समस्याओं का समाधान हुआ।

ग्राम्य विकास विभाग ने बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण में महिला मुखिया के नाम से स्वीकृत आवास का प्रतिशत 40.14 प्रतिशत है, जबकि पति-पत्नी के संयुक्त नाम से स्वीकृत आवास का प्रतिशत 51.74 प्रतिशत है। इस तरह, कुल 91.87 प्रतिशत आवास पति-पत्नी दोनों के नाम से या महिला मुखिया के नाम से स्वीकृत किए गए हैं। इसी तरह, मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास योजना में 29.25 प्रतिशत आवास महिला मुखिया और 37.78 प्रतिशत आवास पति-पत्नी दोनों के नाम से स्वीकृत किए गए हैं। इस तरह, कुल 67.03 प्रतिशत आवास पति-पत्नी दोनों के नाम से या महिला मुखिया के नाम से स्वीकृत किए गए हैं।

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