Pitru Paksha: हिंदू धर्म में पितृ पक्ष बहुत महत्वपूर्ण है। इस समय कुछ काम करने की मनाही है, जबकि कुछ काम करना बहुत अच्छा माना जाता है। जानें पितृपक्ष या श्राद्ध
Pitru Paksha: 17 सितंबर से पितृ पक्ष शुरू होगा और 2 अक्तूबर को समाप्त होगा। पितृ पक्ष 16 दिनों तक मनाया जाता है, जिसमें लोग अपने पूर्वजों की पूजा करते हैं। श्राद्ध पक्ष भी पितृ पक्ष कहलाता है। श्राद्ध पक्ष में पितृ पूजा, पितृ तर्पण और पिंडदान सबसे अधिक पुण्यदायी हैं। श्राद्ध करने से पितृ दोष से छुटकारा मिलता है और उनके पूर्वजों को जन्म और मृत्यु के चक्र से छुटकारा मिलता है और मोक्ष प्राप्त होता है। हिंदू धर्म में पितृ पक्ष का समय बहुत महत्वपूर्ण है। इस दौरान कुछ काम अशुभ माना जाता है।
जानें पितृ पक्ष पर क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए—
- पितृ पक्ष में ब्राह्मण को भोजन, कपड़े आदि देकर श्राद्ध करना शुभ माना जाता है।
2. श्राद्ध पक्ष में गाय, कौवे, कुत्ते और चींटी को भोजन देना बहुत फायदेमंद है।
3. कहा जाता है कि इस अवधि में ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए।
4. मान्यता है कि जिन लोगों की कुंडली में पितृ दोष होता है, उन्हें इस दौरान गया जी, उज्जैन और अन्य धार्मिक स्थानों पर पिंडदान करना चाहिए।
5. पितृ पक्ष के दौरान लहसुन और प्याज जैसे तामसिक भोजन नहीं खाना चाहिए।
6. इस समय विवाह और सगाई जैसे मांगलिक कार्यों पर प्रतिबंध लगाया गया है।
7. माना जाता है कि आजकल कपड़े और जूते खरीदना गैरकानूनी है।
8. कहा जाता है कि इस समय नाखून काटने, शेविंग करने और बाल कटवाने से बचना चाहिए।
9. इस अवधि में नए वस्त्र, सोना या चांदी आदि खरीदना अशुभ माना गया है।
10. पितृ पक्ष या श्राद्ध पक्ष के दौरान गृह प्रवेश करना वर्जित है। मान्यता है कि ऐसा करना अशुभ होता है।